भोपाल: एम्स भोपाल में एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक और यूनानी इलाज भी किया जाता है. एम्स के धनवंतरी भवन में यह इलाज सोमवार से शनिवार तक किया जाता है. आयुष मंत्रालय के अंतर्गत पंचकर्म से लोगों का इलाज किया जाता है. पंचकर्म यानी की पांच क्रियाओं से इलाज करना. इसकी मदद से दीर्घकालीन रोगों का सफल इलाज किया जाता है. एम्स के आयुष विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दानिश जावेद ने बताया कि पंचकर्म इतना कारगर होता है कि इसके बाद दवाई का सेवन कम या बहुत से केसेज में बंद भी हो जाता है.
इन बांच तरीके से होता है इलाज
डॉ. दानिश जावेद ने बताया कि पंचकर्म आयुर्वेद में उपचार करने की एक पद्धति होती है. जिसमें 5 तरीकों से मरीज का इलाज किया जाता है. पंचकर्म के पांच प्रमुख कर्म वामन, विरेचन, नस्य, वस्ति, रक्तमोक्षण होते हैं. वामन में शरीर के ऊपरी भाग के दोषों का निवारण किया जाता है. इस प्रक्रिया में मरीज को उल्टियां करवाई जाती है. इसके द्वारा कफ रोगों की चिकित्सा की जाती है.
विरेचन में मल द्वार से शरीर के दोषों को निकाला जाता है. इस प्रकार पिताज व्याधियों की चिकित्सा की जाती है. वस्ति कर्म में अनिमा दिया जाता है. इसमें वाद्य रोग की चिकित्सा की जाती है. जोड़ों के दर्द के लिए ये एक कारीगर चिकित्सा है. गठिया, स्पाइन डिसऑर्डर, इत्यादि चिकित्सा की जाती है.
नास्य चिकित्सा में नाक के मार्ग से दवाई दी जाती है. जिससे सिर से जुड़ी समस्याओं को ठीक किया जाता है. सिर और गले के हिस्से को इस चिकित्सा से शुद्ध किया जाता है. रक्तमोक्षण चिकित्सा में रक्त को दोष मुक्त किया जाता है. इस प्रक्रिया में शरीर में मौजूद दूषित रक्त को साफ किया जाता है. जिससे चर्म रोग की परेशानी भी दूर होती है.
सबसे पहले शरीर का शोधन, फिर करें उपचार
डॉ. दानिश जावेद ने बताया कि आयुर्वेद कहता है कि सबसे पहले शरीर का शोधन करें. उसके बाद उसका उपचार करें. जबतक दोषों का शरीर में सही तरीके से सोधन नहीं होता है, तबतक उपचार का कोई मतलब नहीं होता. इसकी मदद से लम्बे समय से चली आ रही समस्याओं पर भी जल्दी आराम पाया जा सकता है.
इन बीमारियों का होता है इलाज
पंचकर्म शरीर से सभी दोषों को दूर करने का काम करता है. पंचकर्म से क्रोनिक डिजीज जो की लंबे समय से चली आ रही हैं उनका इलाज होता है. पंचकर्म से माइग्रेन, वाद रोग, ज्वाइन पैन, गठिया, स्पाइन की दिक्कत, सर्वाइकल की परेशानी, चर्म रोग जैसी कई बीमारियों का सफल इलाज होता है. पंचकर्म के बाद दवाई बंद या कम हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 14:25 IST