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Thursday, September 19, 2024

शिमला-मनाली तो ठीक लेकिन पहाड़ चढ़ने में हार्ट अटैक के लक्षण को लेकर हरदम रहें चौकन्ना, इस तरह की परेशानी हो तो तुरंत कम बैक करे

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Heart Attack During Mountain Climbing: देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी से अभी भी राहत नहीं है. तापमान 45 से उपर बना हुआ है. वहीं उमस ने जीना मुहाल कर दिया है. ऐसे मौसम में फुरसत का पल आते ही लोग पहाड़ों की ओर रुख करने लगते हैं. इस समय शिमला-मनाली, मसूरी, नैनीताल जैसी पहाड़ी जगहों पर सैलानियों का तांता लगा हुआ है. पर पहाड़ों पर जाने का एक खतरा भी है. जैसे ही ऊंचाई बढ़ती है वहां ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. यह बात हम सब जानते हैं लेकिन इस कंडीशन में हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट का खतरा भी बढ़ जाता है. इसलिए शिमला-मनाली तो ठीक है लेकिन जब भी वहां जाए हरदम अपने हार्ट को लेकर चौकन्ना रहें. कुछ लोगों को पहाड़ों पर हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए हमने फोर्टिस अस्पताल शालीमार बाग में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी और इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी से इस मुद्दे पर बात की है.

पहाड़ पर हार्ट अटैक क्यों
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि ज्यादा ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, यह बात तो ज्यादातर लोग समझते हैं लेकिन किस स्थिति में हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट होता है, यह जानना ज्यादा जरूरी है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह जानिए कि पहाड़ों पर रहने वालों को ऑक्सीजन से संबंधित कोई दिक्कत नहीं होती लेकिन जो लोग समुद्र तल से 1000 फुट से कम ऊंचाई पर रहते हैं, उनके लिए पहाड़ों की जिंदगी मुश्किल है. इसका कारण यह है कि पहाड़ों पर रहने वालों के हार्ट खुद को उस माहौल में फिट कर लेता है लेकिन नीचे रहने वाले लोग जब उपर जाते हैं तो उनका हार्ट इस माहौल में फिट नहीं हो पाता है. इसलिए जब ऑक्सीजन की ज्यादा कमी होने लगती है तो ब्लड वैसल्स में तेज परिवर्तन आने लगता है. खून का प्रेशर कम हो जाता है और ऑक्सीजन लंग्स से आगे बढ़ ही नहीं पाती है. इस स्थिति में हार्ट अटैक या यदि मामला गंभीर हुआ तो कार्डिएक अरेस्ट हो जाता है.

पहाड़ पर कार्डिएक अरेस्ट का खतरा ज्यादा
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं कि दरअसल, 3500 मीटर की ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी तो होती ही है, सर्दी भी बढ़ जाती है और मौसम आद्र हो जाता है. यानी हवा में ऑक्सीजन का कंस्ट्रेशन कम हो जाता है. ऐसे में शरीर में अचानक कई तरह के परिवर्तन होने लगते हैं. जब ऑक्सीजन कम पहुंचेगी तो लंग्स में पानी भरने लगेगा. इस स्थिति में जो भी ऑक्सीजन आएगी वह फेफड़े से आगे ही नहीं बढ़ पाएगी. फिर अचानक शरीर के अंदर इलेक्ट्रिक शॉक की तरह लगेगा. यह वह स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिकाएं ऑक्सीजन को ग्रहण करने में असमर्थ हो जाती है. इससे कार्डिएक अरेस्ट हो जाता है. कार्डिएक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा घातक है. इसमें अगर मरीज को 5-7 मिनट के अंदर डॉक्टर के पास न पहुंचाया जाए तो मौत निश्चित है. इसलिए जब भी पहाड़ पर जाएं पूरी एहतियात के साथ जाएं.

फिर करें क्या
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि यदि आप पहाड़ पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इससे 10 दिन पहले से एक्सरसाइज करना शुरू कर दें. वॉक करें और धीरे-धीरे रनिंग करें. रनिंग में जैसे ही परेशानी हो स्पीड कम कर दें. अचानक रनिंग नहीं करें. धीरे-धीरे रनिंग की स्पीड बढ़ाए. ऐसे में अपने आप क्षमता बढ़ने लगेगी. अगर सांस संबंधी पहले से दिक्कत है तो इससे पहले डॉक्टरों से परामर्श कर लें. हमेशा बीपी को मापते रहें.

इन लोगों को ट्रैकिंग नहीं करना चाहिए
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, कोरोनरी हार्ट डिजीज है, सांस लेने में दिक्कत है या हार्ट संबंधी किसी तरह की समस्या पहले से है तो पहाड़ पर ट्रैकिंग बिल्कुल न करें. अगर लंग्स से संबंधित परेशानी है तो भी बिना डॉक्टरों की सलाह पहाड़ पर न चढ़ें.

अगर ये लक्षण दिखे तो तुरंत वापस नीचे जाए
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं कि अगर दिल से संबंधित जटिलताएं हैं तो बेहतर होगा कि आप ज्यादा उंचाई वाले पहाड़ पर जाए ही न. अगर जा रहे हैं तो जाने से पहले डॉक्टर से सलाह और आवश्यक दवा अपने साथ जरूर रख लें. वहीं जब आप पहाड़ पर चढ़ रहे हैं और सांस फूलने लगे तो थोड़ा रुक जाए, फिर आगे बढ़े. अगर थोड़ी दूर चलने पर ही लगातार सांस फूल जाती है तो फिर आगे न बढ़े. वहीं छाती में दर्द, उल्टी, मतली, चक्कर, हार्ट बीट बढ़ जाए तो फिर वापस ही आ जाएं.

ज्यादा ऊंचाई पर चढ़ने के नियम
अगर आप ज्यादा ऊंचाई वाले पहाड़ पर जा रहे हैं और कोई समस्या नहीं भी है तो पहले 24 घंटे उस माहौल में आराम करें. इससे आपका शरीर वहां के माहौल को एडॉप्ट कर लेगा. इसके बाद धीरे-धीरे पहाड़ पर चढ़े. पहला दिन बेहद सावधान रहे. पहाड़ पर खूब पानी पिएं. परेशानी हो तो इलेक्ट्रल पाउडर अपने साथ रहे. किसी तरह की अनहोनी से पहले तैयारी कर लें. आवश्यक दवा साथ रखें. ऐसा करने से पहाड़ पर अनहोनी होने पर भी बचे रहेंगे.

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Tags: Cardiac Arrest, Health, Health tips, Lifestyle



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