आज की तेज और तनावपूर्ण जिंदगी में हममें से ज्यादातर लोग अपनी सेहत और डाइट को नजरअंदाज कर देते हैं. पोषण की कमी के कारण शरीर में थकावट, रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट और समय से पहले बुढ़ापा जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं. ऐसे में एक छोटा-सा फल आपकी सेहत को नई ऊर्जा दे सकता है – नाम है सी बकथॉर्न. इसे सुनते ही अगर आपके मन में समुद्र की कोई घास या पौधे की कल्पना आती है तो आपको बता दें, यह कोई समुद्री पौधा नहीं बल्कि भारत के पहाड़ी इलाकों जैसे कि हिमाचल, उत्तराखंड, लद्दाख और लेह में पाया जाने वाला औषधीय फल है. इसका रंग नारंगी होता है और यह छोटे-छोटे गुच्छों में लगता है. देखने में भले छोटा हो, लेकिन सेहत के लिहाज से इसका कद बहुत बड़ा है. आयुर्वेद, यूनानी और आधुनिक चिकित्सा – तीनों में इस फल की खूबियों का उल्लेख मिलता है. इसे हजारों सालों से औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है.
अगर आप अपनी त्वचा को लेकर चिंतित हैं तो सी बकथॉर्न आपके लिए नेचुरल स्किन टॉनिक का काम कर सकता है. इसमें विटामिन C, E, बीटा-कैरोटीन, और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो त्वचा की गहराई तक जाकर पोषण देते हैं. यह त्वचा से जुड़ी तमाम समस्याएं जैसे झुर्रियां, ड्राईनेस, एक्जिमा और सन डैमेज को कम करता है. इसके नियमित सेवन से चेहरे पर नेचुरल ग्लो आता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. यह स्किन को UV रेज़से होने वाले नुकसान से भी बचाता है, जिससे त्वचा लंबे समय तक जवान बनी रहती है.
महिलाओं के लिए तो यह और भी खास है. मेनोपॉज के समय हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग, गर्मी लगना, चिड़चिड़ापन और थकावट जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. ऐसे में सी बकथॉर्न हार्मोन को संतुलन में रखकर इन लक्षणों से राहत दिलाता है. यह मानसिक स्थिरता बनाए रखने में भी मदद करता है और शरीर को नई ऊर्जा से भर देता है. इसका सेवन महिलाओं में हड्डियों की मजबूती, थकान में कमी और त्वचा में निखार के लिए भी बहुत फायदेमंद माना गया है.