Last Updated:
Momos Piles Risk: बच्चों में मोमोज खाने का खूब चलन है लेकिन अगर इसकी आदत लग गई तो यह अस्पताल भी पहुंचा सकता है. एक्सपर्ट ने इसके बारे में विस्तार से बताया है.
मोमोज ज्यादा खाते हैं तो हो जाएं सावधान.
Momos Piles Risk: गली-नुक्कड़ में मोमज खूब खाया जाता है. कुछ बच्चों में तो इसकी आदत होती ही है, युवा भी इसमें पीछे नहीं. लेकिन अगर आपको मोमोज खाने का चश्का है तो यह आपको किसी दिन अस्पताल पहुंचा सकता है. अगर अस्पताल न भी पहुंचाए तो इससे बवासीर की बीमारी हो सकती है. इतना ही नहीं मोमोज पेट के लिए बहुत नुकसानदेह है. यह लिवर पर भी खतरनाक असर डालता है. मोमोज खाने की आदत से वजन भी बढ़ सकता है. यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदेह है. पिछले साल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने चेतावनी दी थी को मोमोज खाने से पहले सौ बार सोच लें. दरअसल, मोमोज खाते समय यह एक व्यक्ति के गले में फंस गया था जिससे उसका ऑपरेशन करना पड़ा.
क्लिनिकल डायटीशियन डॉ.प्रियंका रोहतगी ने बताया कि मोमोज का रेगुलर सेवन करेंगे तो इससे कई नुकसान होंगे. उन्होंने कहा कि मोमोज में जिस मैदा का इस्तेमाल किया जाता है उसमें ज्यादा स्मूथ और लोच लाने के लिए मैदा को ब्लीज किया जाता है. इसके लिए बैंजोएल पैरॉक्साइड जैसे हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. यह केमिकल पैंक्रियाज पर सीधा वार करता है. इसके कारण पैंक्रियाज से निकलने वाले इंसुलिन कम बनने लगता है.इसका मतलब है कि इससे ब्लड शुगर बढ़ जाएगा. यानी डायबिटीज मरीजों के लिए यह बहुत नुकसानदेह है.
बवासीर का खतरा कई गुना ज्यादा
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि मैदा से बने मोमोज को भाप पर गर्म किया जाता है. इसलिए इसमें रत्ती भर फाइबर नहीं होता. यह अल्ट्रा प्रोसेस्ड हो जाता है. इसलिए यह आंत की लाइनिंग के म्यूकस को डैमेज करने लगता है. इससे कॉन्स्टिपेशन या कब्ज शुरू हो जाती है.कॉन्स्टिपेशन के कारण स्टूल हार्ड होने लगता है. अगर मोमोज के साथ तीखी चिली वाली चटनी खाते हैं तो यह दोनों कॉम्बिनेशन पाइल्स या हमेरॉयड के खतरे को बढ़ाता है जिसमें मलद्वार की कमजोर नसें फटने लगती है और इससे पाइल्स का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
मोमोज़ मैदा से बनते हैं. मैदा अपने आप में प्रोसेस्ड होता है. यह आंतों में जाकर चिपक जाता है. मैदा पूरे शरीर में इंफ्लामेशन पैदा कर देता है. यानी इसमें फाइबर बिल्कुल नहीं रहता. इसे एजोडिकार्बोनामाइड, क्लोरीन गैस, बेंजोयल पेरोक्साइड या अन्य ब्लीचिंग केमिकल से सफेद किया जाता है. मैदे में ऑलॉक्सन्स के निशान भी पाए जाते हैं जो मैदे के टेक्सचर को मुलायम और क्रिस्पी बनाता है. एक तो मोमोज को मैदा से बनाया जाता है, उपर से इसमें कई अन्य चीजें भी मिलाई जाती है. ये सारी चीजें शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाती है. मैदे में डाले जाने वाले ब्लीचिंग केमिकल पैंक्रियाज को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे शरीर में इंसुलिन बनने में दिक्कत होती है. मोमोज़ में इस्तेमाल होने वाली सब्जियां और चिकन ज्यादातर खराब या पुराने होते हैं. असल में अधिकांश चिकन उत्पाद जो अनहेल्दी और सस्ते ठिकानों पर मिलते हैं. इसमें ई.कोलाई बैक्टीरिया पाए जाते हैं. यह पेट में जहर बनाता है जिससे कई तरह की बीमारियां होती है.
इसे भी पढ़ें-ब्रेन ट्यूमर में ये 7 वार्निंग साइन, सिद्दत से पहचान लिए तो आसानी से हो जाएगा इलाज
Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें
Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i… और पढ़ें