Back Pain Prevention Tips: ऑफिस में अधिकतर लोग 8-9 घंटों तक लगातार बैठकर काम करते रहते हैं, जिसकी वजह से पीठ और कमर में दर्द होने लगता है. आजकल बड़ी संख्या में युवा बैक पेन का सामना कर रहे हैं. काम के चक्कर में लोग अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं. हालांकि वैज्ञानिकों ने पीठ और कमर के दर्द से बचने का एक आसान तरीका खोज निकाला है, जिससे लोग ऑफिस आवर्स के बाद दर्द से परेशान नहीं रहेंगे. लंबे वर्किंग आवर्स के बावजूद लोग बैक पेन की शिकायत से बचने के लिए छोटा सा काम शुरू कर सकते हैं.
साइंस डेली की रिपोर्ट के मुताबिक एक नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पीठ दर्द को बढ़ने से रोकने के लिए रोजाना बैठने का समय कम करें और रेगुलर एक्सरसाइज करें. आमतौर पर घंटों एक सीट पर बैठे रहने से लोगों को पीठ में दर्द होने लगता है. पीठ में दर्द होने की वजह मांसपेशियों में खिंचाव, स्पाइन की डिस्क में दिक्कत, स्कोलियोसिस और ऑस्टियोपोरोसिस हो सकती है. इससे बचने के लिए लोगों को काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेने होंगे और बैठने का समय रोजाना करीब 40 मिनट तक कम करना होगा. इससे पीठ और कमर दर्द से जूझ रहे लोगों को काफी राहत मिल सकती है.
यह स्टडी फिनलैंड की तुर्कू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है. रिसर्च करने वाले एक्सपर्ट्स की मानें तो लोगों को काम पर या खाली समय में बैठना कम करना चाहिए. इससे पीठ के दर्द से राहत मिल सकती है. फिजिकल एक्टिविटी और पीठ दर्द के बीच संबंध को समझने के लिए यह रिसर्च की गई थी. इसमें शोधकर्ताओं ने ओवरवेट, मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम से जूझ रहे 64 वयस्कों को शामिल किया था. 6 महीने के अध्ययन के दौरान सभी प्रतिभागियों ने प्रतिदिन 40 मिनट तक बैठने का समय कम कर दिया. इससे उन्होंने बैक पेन से काफी आराम मिला.
शोधकर्ताओं की मानें तो पीठ दर्द से परेशान लोगों की बैक मसल्स में ज्यादा फैट जमा हो जाता है. इससे पीठ की मसल्स में ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म या इंसुलिन सेंसिटिविटी में कमी होने की का खतरा बढ़ जाता है, जिससे पीठ दर्द का रिस्क भी ज्यादा हो जाता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि ज्यादा वजन या मोटापे और मेटाबोलिक सिंड्रोम से न केवल पीठ दर्द का खतरा बढ़ता है, बल्कि हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है. पीठ दर्द से बचने के लिए बैठने के बजाय केवल खड़े रहना भी मददगार नहीं हो सकता है, बल्कि चलना या तेज एक्सरसाइज ज्यादा फायदेमंद हो सकती है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैठने की सही पोजीशन के बजाय शरीर की पोजीशन में बदलाव करना ज्यादा जरूरी है. आसान भाषा में कहें, तो बैठने के बजाय चलना और एक्सरसाइज करने से पीठ दर्द का खतरा कम हो जाता है. लैंसेट रूमेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हालिया विश्लेषण के अनुसार 2050 तक 80 करोड़ से अधिक लोग पीठ के निचले हिस्से में दर्द से परेशान हो सकते हैं, जो 2020 की तुलना में 36 प्रतिशत ज्यादा हैं. इस अध्ययन से पता चला है कि 2017 से कमर दर्द के मामले तेजी से बढ़े हैं और यह संख्या 50 करोड़ से ज्यादा हो गई है. साल 2020 में कमर दर्द के लगभग 61.9 करोड़ मामले थे.
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FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 12:17 IST