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Friday, September 20, 2024

सिर्फ दो चीजों की रोटी से औंधे मुंह गिरेगा मोटापा? यकीन नहीं होता तो कुछ दिन आजमा के देखें

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Weight Loss Tips- रोटी हमारे देश में भोजन के दो प्रमुख स्रोतों में से एक है. गेंहू और चावल हमारे देश का दो प्रमुख अनाज है जिनसे कई चीजें बनाकर खाई जाती है. पूरे देशा में गेहूं और चावल को अलग-अलग रूपों में बनाकर खाया जाता है. उत्तर भारत में अक्सर हम लोग गेहूं के आटे से बनी रोटियां खाते हैं. ये रोटियां हमारी जरूरत के अधिकांश कार्बोहाइड्रैट की भरपाई कर देता है जिससे शरीर में एनर्जी बनती है और हम इसके सहारे दिन भर काम करते रहते हैं. रोटी के साथ अक्सर हम दाल या सब्जी का सेवन करते हैं और पूरा दिन इस पर टिके रहते हैं. लेकिन यदि आपको अपना वजन कम करना है तो गेहूं से बनी रोटियों का मोह छोड़ना होगा क्योंकि इसमें कैलोरी बहुत होती है और यह शरीर में अतिरिक्त चर्बी को बढ़ा सकती है. ऐसे में आपको हम यहां दो खास तरह की रोटियां के बारे में बता रहे हैं जिन्हें खाकर आप अपने बेकाबू मोटापे पर बहुत हद तक काबू पा सकते हैं. आइए जानते हैं-

दो तरह के आटे से बनी रोटियां

1. रागी के आटे की रोटी-रागी यानी फिंगर मिलेट. छोटे से गोल मटोल दाने में इतना डेंस पौष्टिक तत्व होता है कि आप सोच में नहीं सकते. वैज्ञानिकों ने जब इसके गुण के बारे में ज्यादा जाना तो यह सुपरफूड बन गया. अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो रागी के आटे की रोटियां खाइए. इसमें इतना अधिक फाइबर होता है कि अगर आप इसे सुबह नाश्ते में खा लें तो दिन भर आपको भूख का अहसास बिल्कुल कम हो जाएगा. रागी में अत्यधिक मात्रा में कैल्शियम, आयरन और एसेंशियल एमिनो एसिड होता है. हाई फाइबर के कारण इसका डाइजेशन बहुत स्लो होता है जिससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है. रागी के आटे से बनी रोटी को आप कई चीजों के साथ खा सकते हैं. इसे दाल, विभिन्न तरह की सब्जियां और यहां तक कि छाछ के साथ भी खा सकते हैं. हालांकि यदि आपको थायराइड की समस्या है तो आपको रागी की रोटी खाने से बचना चाहिए. फिर आपके लिए आगे बताए जा रहे रोटी फायदेमंद साबित हो सकती है.

2. ज्वार के आटे की रोटी-यदि आप वजन कम करने की ठान चुके हैं तो ज्वार की रोटी सुबह के नाश्ते के लिए एकदम परफेक्ट है. ज्वार की रोटी में अत्यधिक मात्रा में डायट्री फाइबर होता है. ज्वार की रोटी से आपका डाइजेशन बुलंद रहेगा और जब डाइजेशन ठीक रहेगा तो अधिकांश बीमारियां यूं ही शरीर से दूर भागती रहेगी. दूसरी तरफ जबर्दस्त डायट्री फाइबर के कारण ज्वार की रोटी को खाने के बाद बहुत देर तक भूख नहीं लगेगी. बहुत देर तक भूख नहीं लगने से आप ज्यादा कैलोरी नहीं ले पाएंगे और इससे यूं ही वजन आप बढ़ा नहीं पाएंगे. ज्वार में बहुत अधिक तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, इसके साथ ही इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस आदि भरा रहता है. ज्वार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम रहता है, इसलिए यह ब्लड शुगर को मैंटेन रखता है और वजन को बढ़ने नहीं देता. ज्वार की रोटी को भी आप दाल और विभिन्न तरह की सब्जियों और छाछ आदि के साथ खा सकते हैं. ज्वार में ग्लूटीन बेहद कम होता है इसके कारण यह पथरीला हो जाता है यानी टाइट हो जाता है, इसलिए जब आप ज्वार की रोटी बनाए तो इसके आटे को गूंथते समय गर्म पानी का इस्तेमाल करें. इससे रोटी की लोई सही से बन पाएगी वरना यह बहुत टाइट हो जाएगा. हालांकि जिसे पेट की बीमारी सेलिएड डिजीज है उन्हें ज्वार से बचना चाहिए.

दोनों में से कौन बेहतर
यह डिपेंट करता है कि आपकी हेल्थ किस तरह की है. यदि आपकी हेल्थ अच्छी है तो दोनों तरह की रोटियां वजन कम करने के लिए परफेक्ट है लेकिन यदि कोई कंडीशन है तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. जैसा कि उपर बताया गया है कि थायराइड वाले को रागी और सिलिएक डिजीज वाले को ज्वार की रोटी से परहेज करना चाहिए.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle, Weight loss



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