Summer Health Tips: गर्मियों में जब तापमान 40 डिग्री के पार हो जाता है, तब यह सेहत के लिए चैलेंजिंग होता है. गर्मी का असर वैसे तो सभी लोगों पर होता है, लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं को इस बारे में खास खयाल रखने की जरूरत होती है. इस मौसम में डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक समेत कई तरह के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. गर्भवती महिलाओं को गर्मियों में इन परेशानियों से बचने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए, ताकि किसी तरह की कॉम्प्लिकेशन पैदा न हो.
नोएडा के सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल चेंजेस के चलते महिलाएं पहले से ही असहज महसूस करती हैं और गर्मी के कारण यह समस्याएं ज्यादा बढ़ जाती हैं. जी मिचलाना, चक्कर आना, थकावट और घबराहट जैसे लक्षण गर्मियों में ज्यादा गंभीर हो सकते हैं. इस मौसम में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है, जिससे मां और शिशु दोनों की सेहत प्रभावित हो सकती है. इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को गर्मियों में सावधानी बरतनी चाहिए.
डॉ. मीरा के अनुसार गर्मियों में खाद्य पदार्थ जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं को डायरिया, टाइफॉइड और जॉन्डिस जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. गर्भावस्था के दौरान इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे संक्रमण जल्दी हो सकता है और इसका असर सीधे गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है. इसलिए बाहर के खाने और खुले में बिकने वाले जूस से परहेज करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं की त्वचा अधिक संवेदनशील हो जाती है, जिससे स्किन रैशेज, पिगमेंटेशन और इंफेक्शन होने की आशंका बढ़ जाती है. गर्मी में ज्यादा तापमान से हीट स्ट्रोक का रिस्क भी बढ़ जाता है.
डॉक्टर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिन भर में 8–10 गिलास पानी, नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ और घर का बना ताजा जूस पीना चाहिए. पैकेटबंद या बाहर का जूस सख्ती से अवॉइड करना चाहिए. साथ ही हाइड्रेटिंग फल जैसे तरबूज, खरबूज, अंगूर, खीरा और ककड़ी को आहार में शामिल करना चाहिए. उन्होंने बताया कि दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स गर्मियों में पेट को ठंडा और स्वस्थ रखते हैं.
डॉक्टर पाठक ने गर्भवती महिलाओं को हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनने की सलाह दी. धूप में बाहर निकलते समय सिर को दुपट्टे या टोपी से ढकने और सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी है. गर्भावस्था में टाइट जूते, मोजे और हील्स से बचना चाहिए, ताकि शरीर को खुलापन मिले और अधिक गर्मी से राहत मिल सके. अगर किसी महिला को अत्यधिक पसीना, बुखार, पेट में तेज दर्द, चक्कर, बेहोशी या बच्चे की हलचल में कमी जैसी समस्याएं दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.