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Monday, November 4, 2024

Treatment of Piles: इन 5 पत्तों को देखते ही चबा लें, बिना सर्जरी के हो जाएगा बवासीर का इलाज!

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Treatment of Piles: पहाड़ को कई औषधीय पौधे उपहार में मिले हैं. जिनका उपयोग कर कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. ठीक इसी प्रकार आयुर्वेद के अनुसार पांच ऐसे पत्ते हैं. जिनका सेवन करने से बिना सर्जरी के बवासीर का इलाज संभव है. लोकल 18 से बातचीत करते हुए आयुर्वेदिक डॉक्टर ऐजल पटेल बताते हैं कि मूली, हल्दी, एलोवेरा, तुलसी और नीम के पत्ते का सेवन करने से बवासीर का आयुर्वेदिक रूप से इलाज किया जा सकता है.

हल्दी में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करते हैं. मूली में फाइबर की भरपूर मात्रा पाचन तंत्र को ठीक करती है. एलोवेरा जलन को कम करने में मददगार है. तुलसी पेट के कब्ज को ठीक करती है. नीम के पत्तों में मौजूद एनाल्जेसिक गुण गुर्दे को साफ करते हैं.

तुलसी के पत्ते के फायदे 
तुलसी के पत्तों में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. यह पाचन को ठीक करने में सहायता करता है और कब्ज को कम करता है. इसके सेवन से दर्द और सूजन कम होता है. तुलसी की पत्तियों के रस और शहद के मिश्रण का नियमित सेवन बवासीर के इलाज में सहायक है.

एलोवेरा की पत्तियों के फायदे 
ऐलोवेरा की पत्तियों में सुखदायक और सूजनरोधी गुण होते हैं. यह जलन को कम करने में मददगार होते हैं. एलोवेरा की ताजी पत्तियों से जेल निकालकर इसे प्रभावित जगह पर लगाया जा सकता है. आंतरिक उपचार के लिए एलोवेरा जूस का सेवन किया जा सकता है.

हल्दी के पत्ते के फायदे 
हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो सूजन को कम करने में मदद करती है. साथ ही यह पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. ताजी हल्दी की पत्तियों को पीसकर बाहरी हिस्से में लेप लगाया जा सकता है. आंतरिक लाभ के लिए हल्दी को अपने आहार में शामिल कर हल्दी वाली चाय का सेवन कर सकते हैं.

मूली के पत्ते के फायदे 
फाइबर से भरपूर मूली के पत्ते आंतों के कामकाज को बढ़ावा देते हैं. इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. आंतरिक लाभ के लिए सलाद में मूली के पत्ते शामिल कर सकते हैं, या फिर इसके जूस का सेवन कर सकते हैं.

नीम की पत्तियों के फायदे 
नीम की पत्तों में एंटी इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं. इनमें सूजन और परेशानी को कम करने की क्षमता होती है. इसको पानी में उबालने और इसके ठंडे घोल का सेवन करने से गुदा साफ होता है. नीम की पत्तियों के रस का सेवन करने से आंतरिक लाभ मिलता है. जो बवासीर की जड़ को समाप्त कर देता है.

Tags: Health, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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