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Thursday, January 16, 2025

जवानी में ही बूढ़े होने लगे हैं 1995 के बाद पैदा लेने वाले लोग,चेहरे पर झुर्रियां और सेहत से बेदम होने लगी है पहचान, Gen Z में ऐसा क्यों

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Gen Z Faster Ageing: 1990-95 के बाद पैदा लिए लोग जो वर्तमान में अपनी जवानी में है, समय से पहले बूढ़े हो रहे हैं. बायलॉजकली इनकी उम्र तेजी से बढ़ रही है. आखिर इसका क्या कारण है जेन जेड के लोगों में तेजी से बुढ़ापा…और पढ़ें

Gen Z Faster Ageing: 1995 से लेकर 2010 के बीच में पैदा लिए लोगों में अधिकांश नौकरी-पेशा हो गए हैं. अधिकांश जवानी की दहलीज पर है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी जिन लोगों की उम्र जवानी की है वे देखने में बूढ़ा लगने लगे हैं. इनमें से अधिकांश की बायलॉजिकल उम्र वास्तविक उम्र से ज्यादा हो गई है. रिपोर्ट की मानें तो जेन जेड Gen Z यानी 1997 से 2012 के बीच पैदा लेने वाले अधिकांश लोगों में तेजी से बायलॉजिकल उम्र बढ़ने लगी है. इनके चेहरे पर झुर्रियां और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दिखने लगी है. आखिर इसकी वजह क्या है कि ये लोग जल्दी बूढ़े होने लगे हैं. रिपोर्ट की मानें तो दरअसल, इसका कारण विज्ञान है. इसकी कई वजहें हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.

टीओआई की खबर के मुताबिक दरअसल, जेन जेड को कोविड 19 ने पूरी तरह से बदलकर रख दिया. इनके लिए रिश्ते, हेल्थकेयर और राजनीतिक माहौल सभी को फिर से डिज़ाइन किया गया. इन सब माहौल में जेन जेड ने जवानी की दहलीज पर कदम रखा. जेन जेड ऐसी पीढ़ी है जिनकी बाहरी दुनिया सोशल मीडिया साइट्स से गहराई से जुड़ी हुई है. वे अपने आपको इन साइट्स पर काफी परिपक्व दिखने की कोशिश करते हैं. सोशल मीडिया पर अधिकांश जेन जेड शिकायत करते हैं कि उन्हें लोग ज्यादा उम्र का समझते हैं. एक वीडियो, जिसे लगभग 2 करोड़ व्यूज मिल चुके हैं, में 26 वर्षीय जोश हाउलेट कहते हैं कि वह जेन जेड से भी छोटे हैं लेकिन उन्हें अक्सर उम्रदराज़ होने के लिए आलोचना की जाती है. वे अपने जीवन में आई परेशानियों को अपनी ज्यादा परिपक्व दिखने की वजह मानते हैं. ये परेशानियां पूरी जेन जेड पीढ़ी में मौजूद है.

जल्दी बूढ़ा होने के क्या है कारण
सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के एंडोक्रायनोलॉजिस्ट डॉ. सोनाली कांगने कहती हैं कि जेन जेड के लोग अगर समय से पहले बूढ़ा हो रहे हैं तो इसका सबसे बड़ा कारण कॉर्टिसोल हार्मोन है. कॉर्टिसोल हार्मोन यानी स्ट्रेस हार्मोन. जेन जेड के लोग हर तरह से परेशान हैं और तनाव उनके जीवन में रच बस गया है. उनके सामने सबसे पहले एकेडमिक तनाव रहता है. हर किसी को हर किसी से आगे जाना है. इसके बाद कैरियर की चिंता होती है. नौकरी लग जाने के बाद नौकरी में अस्थिरता सबसे ज्यादा समस्या है. फिर सामाजिक चिंता भी है, उनकी पहुंच सोशल मीडिया से बाहर बहुत कम हो पाता है. ज्यादातर जेन जेड के बच्चे इसलिए भी परेशान रहते हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर उनके ज्यादा फोलोअर्स नहीं है. इन सबकी वजह से वह हमेशा तनाव में रहते हैं.

कॉर्टिसोल असली विलेन
तनाव की वजह से कॉर्टिसोल हार्मोन शरीर में ज्यादा रिलीज होता है. कॉर्टिसोल का लगातार ज्यादा रिलीज होना पूरे सिस्टम के लिए बहुत हानिकारक है. ज्यादा कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से वजन बढ़ता है, नींद में समस्या होती है, इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, खान-पान खराब हो जाता है और इन लोगों की फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम होती है. इन सबकी वजह से क्रोमोजोम मे टेलोमीयर सिकुड़ने लगते हैं. टेलोमीयर ही किसी व्यक्ति की उम्र की कुंडली होती है. अगर टेलोमीयर की लंबाई ज्यादा होती है तो वह व्यक्ति ज्यादा दिनों तक जीवित रहेगा. इसलिए टेलोमीयर उम्र के साथ-साथ सिकुड़ने लगता है. लेकिन कॉर्टिसोल हार्मोन के लगातार रिलीज होने से टेलोमीयर सिकुड़ता चला जाता है जिसका प्रभाव चेहरे पर झुर्रियों के रूप में सामने आता है.

फिर क्या करें जेन जेड के लोग
तनाव को बेहतर तरीके से मैनेज करना ही इससे बचने का तरीका है. इसके लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें, योग और ध्यान से तनाव को कम करें, पर्याप्त नींद लें, सोशल मीडिया पर कम ध्यान दें और हेल्दी खाना खाएं. रोजाना हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल, सीड्स आदि का सेवन करें. बाहर की चीजें, शराब, प्रोसेस्ड फूड को कम से कम करें.

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