Chips Cookies bad for liver: पैकेट में बंद चिप्स हो, कुरकुरे हो, फ्रेंच फ्राई हो, पॉपकॉर्न हो, कॉर्न फ्लेक्स हो या ज्यादा क्रंची चीजें हो, इन सबको जुमले में मान लीजिए कि ये चुरमुरे-कुरमुरे हैं. ये सारी चीजें अल्ट्रा-प्रोसेस्ट फूड के उदाहरण हैं. बच्चे इन सब चीजों का खूब सेवन करते हैं. कुछ बड़े भी इन चीजों के दीवाने होते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ये चुरमुरे-कुरकुरे जैसे प्रोडक्ट आपके लिवर को खोखला भी कर सकते हैं. कोई भी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजें हमारी सेहत के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह है. इनका शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है लेकिन लिवर को यह सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकता है.
प्रोसेस्ड फूड का उदाहरण चिप्स
डॉ. प्रियंका रोहतगी कहती हैं कि कई बार रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजों से लिवर को नुकसान होता है. यह लिवर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है लेकिन इतना ही तक नहीं रूकता. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजें दिमाग का डिब्बा भी गुल कर देती है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह समझिए कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड चीजें होती क्या हैं. जैसे चिप्स को ही लीजिए. यह आलू से बनाया जाता है. जब आलू को छीलकर आप इसका स्लाइस करते हैं और इसमें तेल मसाले से सिंपल विधि से खुद चिप्स बनाते हैं तो यह प्रोसेस्ड हो गया. लेकिन जब इस चिप्स को कंपनी बनाएगी तो इसे बहुत अधिक गर्म तेल में डीप फ्राई कर इसमें कई तरह के केमिकल मिलाएगी ताकि यह ज्यादा दिनों तक चल सके. इसके बाद इसे डिब्बे में पैक कर देगी. अब यह प्रोसेस्ड फूड हो गया. इसी तरह आपने गेहूं से आटा मशीन में पिसबाया तो यह शुद्ध हो गया लेकिन जब इसी गेहूं से सूजी बनाई जाती है तो इसमें से छिल्का हटा लिया जाता है. यह प्रोसेस्ड फूड हो गया लेकिन जब इसमें से छिल्का हटाकर और इसे सफेद बनाने के लिए केमिकल मिलाकर मैदा तैयार किया जाता है तो यह प्रोसेस्ड फूड हो गया. इसलिए इन चीजों का ज्यादा सेवन बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है.
लिवर पर किस तरह का असर
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि चिप्स या कुरकुरे-मुरमुरे में कई हानिकारक केमिकल मिलाए जाते हैं. इन सबके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं होती है. जैसे इन चीजों में हिडेन सॉल्ट मिलाया जाता है. डॉ प्रियंका कहती हैं कि पैकेटबंद डिब्बे पर कलर के रूप में ई-2, ई-21 या ई-26 जैसे शब्द लिखे होते हैं. इन चीजों का मतलब शायद ही कोई समझें. लेकिन ये सब खतरनाक रसायन होते हैं. इसी तरह एसिड रेगुलेटर को आईएनएस 330 लिखा होता है या इसे साइट्रिक एसिड लिखा होता है. लेकिन यह नेचुरल साइट्रिक एसिड से बहुत अलग होता है. इन चीजों को ज्यादा दिनों तक चलाने के लिए प्रिजर्वेटिव्स का यूज किया जाता है जो ज्यादा खतरनाक है. आर्टिफिशियल कलर भी बहुत घातक है. ये सारे हानिकारक रसायन सीधे लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं. लिवर को नियमित कामों में बाधा पहुंचाते हैं. इतना ही नहीं, ये रसायन पेट में गुड बैक्टीरिया को भी मार देते हैं. इससे धीरे-धीरे लिवर खराब होने लगता है. इसलिए इन चीजों का कभी भी लगातार सेवन नहीं करना चाहिए. अगर कुरकुरे-मुरमुरे की आदत लग गई तो लिवर को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
दिमाग को भी करता है कुंद
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि इन पैकेटबंद चीजों में असली पोषक तत्व जैसे कि विटामिन, मिनरिलस् आदि डीप फ्राई के दौरान निकल जाते हैं और फ्री रेडिकल्स बनाने वाली चीजें बच जाती हैं. एक तरह से इनकी पूरी नेचुरल संरचना खत्म हो जाती है. जब यह पेट में जाता है तो आंत की लाइनिंग को नुकसान पहुंचाने लगता है. आंत की लाइनिंग का सीधा संबंध दिमाग से होता है. यही कारण है कि अगर किसी को इन चीजों की आदत लग गई तो दिमाग पर असर पड़ेगा और ब्रेन में फ्री रेडकिल ज्यादा बनेगा. अंततः इससे याददाश्त कमजोर होने लगेगी.
इसे भी पढ़ें-स्टेमिना और शरीर की ताकत को गगनचुंबी शक्ति दे सकती है ये 5 चीजें, नसों में भी आ जाती है जान, जानिए क्या हैं ये
इसे भी पढ़ें-डॉक्टर की डिग्रियों में लिखे MS, MD, FRCP का क्या होता है मतलब, किस डिग्री में किस बीमारी की होती है पढ़ाई, विस्तार से जानें
Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 17:32 IST