Lancet Report on Online Gambling Addiction: आज के जमाने में पूरी दुनिया में अधिकतर काम ऑनलाइन करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. कई लोग घर बैठकर लाखों रुपये की कमाने की चाहत में तमाम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कैसीनो और स्पोर्ट्स बैंटिंग के चक्कर में पड़ रहे हैं. इससे उन्हें ऑनलाइन जुए का एडिक्शन हो रहा है. द लैंसेट पब्लिक हेल्थ कमीशन की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विश्व में करीब 8 करोड़ लोगों को ऑनलाइन जुए की लत लग चुकी है, जिसकी वजह से उनकी जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. इन लोगों में सबसे बड़ी तादाद टीनएजर्स की है.
रिपोर्ट की मानें तो डिजिटल वर्ल्ड में ऑनलाइन कैसीनो और स्पोर्ट्स बेटिंग का बाजार तेजी से बढ़ा है. जुए के विज्ञापनों का बच्चों और टीनएजर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है. ये विज्ञापन लोगों के आसान तरीके से पैसे कमाने के लिए ऑनलाइन जुए के खेलों की ओर आकर्षित कर रहे हैं. इस प्रकार की सोच किशोरों को जुए के जाल में फंसाने का काम कर रही है, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है. रिपोर्ट में जुए के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर सख्त नियम लागू करने की सिफारिश की गई है. इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर ऑनलाइन जुए के बुरे असर को कम करने में मदद मिलेगी.
लैंसेट कमीशन ने कहा है कि सरकारों को इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की जरूरत है. अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने अध्ययन में पाया है कि दुनियाभर में लगभग 44.8 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में जुए से प्रभावित हैं. इनमें से लगभग 8 करोड़ लोग जुए की लत या इससे जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं. यह आंकड़ा दर्शाता है कि जुए की समस्या कितना बढ़ चुकी है. अध्ययन में यह भी सामने आया है कि ऑनलाइन कैसीनो और स्लॉट गेम के माध्यम से जुआ खेलने से 15.8 प्रतिशत वयस्कों और 26.4 प्रतिशत किशोरों में जुए की लत विकसित हो रही है.
खेलों पर सट्टेबाजी का असर 8.9 प्रतिशत वयस्कों और 16.3 प्रतिशत टीनएजर्स पर देखा गया है. ये आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि टीनएजर्स में जुए की लत बढ़ने का खतरा ज्यादा है. ग्लासगो यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर हीथर वार्डल का कहना है कि आजकल लोगों के पास मोबाइल फोन के जरिए 24 घंटे जुआ खेलने का मौका है. बड़ी तकनीकी कंपनियां भी ऐसे तकनीकी उपाय कर रही हैं, जो लोगों को बार-बार जुए में लाने की कोशिश करती हैं. इससे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा है. इस चीज से लोगों को बाहर निकलने की जरूरत है.
लैंसेट कमीशन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि व्यावसायिक जुआ आर्थिक नुकसान, मानसिक और शारीरिक समस्याएं, रिश्तों में तनाव, आत्महत्या और घरेलू हिंसा जैसी समस्याओं से जुड़ा हुआ है. उन्होंने सरकारों से अपील की है कि वे जुए को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा मानें, जैसे तंबाकू और शराब के मामलों में माना जाता है. इससे आने वाली पीढ़ी को जुए के दुष्प्रभावों से बचाने में मदद मिलेगी. डिजिटलाइजेशन बढ़ने के साथ जुए का एडिक्शन भी बढ़ सकता है और इससे लोगों को बचाने की सख्त जरूरत है.
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 15:11 IST