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Monday, February 3, 2025

कहर बनकर टूटेगी मौत, सिर्फ यूरोप में ही मर जाएंगे 58 लाख लोग, वैज्ञानिकों ने की भविष्यवाणी

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5.8 million Death in Europe by Excess Heat: वैज्ञानिकों ने बहुत ही खतरनाक भविष्यवाणी की है. वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि ज्यादा तापमान के कारण यूरोप में 58 लाख लोगों की मौत हो जाएगी.

यूरोप में क्यों मरेंगे लोग.

हाइलाइट्स

  • वैज्ञानिकों ने यूरोपीय देशों में 58 लाख मौतों की खतरनाक भविष्यवाणी की है.
  • जलवायु परिवर्तन के कारण यूरोप में अत्यधिक गर्मी से लाखों लोगों की मौतें बढ़ेंगी.
  • बार्सिलोना, रोम, मेड्रिड में सबसे ज्यादा मौतें होंगी, 10 शहरों में ज्यादा मौतें

5.8 million Death in Europe by Excess Heat: अपने तरह के एक हैरान कर देने वाली स्टडी में वैज्ञानिकों ने चेताया है कि जलवायु परिवर्तन विकराल रूप लेने वाला है और इससे सिर्फ यूरोप में 58 लाख लोगों की मौत हो जाएगी. यूरोप का आकार और जनसंख्या दोनों कम है. इसलिए इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जलवायु परिवर्तन के घातक असर के कारण भारत और चीन में कितने लोगों की मौत होने वाली है. वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि जलवायु परिवर्तनके कारण यूरोप के कितने लोग इस सदी के अंत तक मर जाएंगे. वैज्ञानिकों ने कहा है कि 2015 से 2099 के बीच ज्यादा तापमान के सीधा असर होगा और सिर्फ हीट के कारण 58 लाख लोगों की मौत हो जाएगी. यह अध्ययन लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड टॉपिकल मेडिसीन के शोधकर्ताओं ने किया है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह आकड़ा सिर्फ ज्यादा तापमान के कारण होने वाली मौतों का है, अगर सभी तरह के कुदरती कहर यानी आग, बाढ़, भूकंप, तूफान आदि को भी इसमें जोड़ दिया जाए तो यह सोच से भी ज्यादा होगा. ये सारे कारण जलवायु परिवर्तन से संबंधित हैं.

खतरनाक परिणाम सामने आएंगे
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में कहा गया है कि तापमान में बढ़ोतरी की वजह से ठंड से मरने वाले लोगों की संख्या में कमी होगी लेकिन ज्यादा हीट रफ्तार के साथ लोगों की जानें लेंगी. स्टडी में कहा गया है कि यूरोप के बार्सिलोना में ज्यादा तापमान के कारण सबसे ज्यादा मौतें होंगी. इसके बाद रोम, नेप्स और मेड्रिड में भी मौतों का तांडव होगा. अध्ययन के लेखक डॉ. पियरे मेसेलॉट ने बताया कि हमारे इस अध्ययन से जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि भूमध्यसागरीय इलाकों में जलवायु परिवर्तन की सबसे ज्यादा समस्या होने वाली है. अगर इस पर कुछ नहीं किया गया तो इससे भी और खतरनाक परिणाम सामने आ सकते हैं.

सिर्फ 10 शहरों में मरेंगे 23 लाख लोग
शोधकर्ताओं के मुताबिक यूरोप के सिर्फ 10 शहरों में 23 लाख लोगों की मौत होगी. यानी गांवों-कस्बों के मुकाबले शहरों में जलवायु परिवर्तन के कारण ज्यादा लोगों की मौत होगी. अध्ययन के मुताबिक सबसे ज्यादा बार्सिलोना स्पेन में 2.46 लाख लोगों की मौतें होंगी. इसके बाद नेपल्स इटली में 1.47 लाख, मैड्रिड में 1.10 लाख लोगों की मौत होगी. वहीं मिलान इटली में 1.10 लाख लोगों की मौत होने वाली है. इसके अलावा एथेंस में 87 हजार, वेलेंसिया 67 हजार, जेनेवा में 36 हजार, बुखारेस्ट में 47 हजार लोगों की मौत होगी.

जलवायु परिवर्तन से तत्काल निपटने की जरूरत
शोधकर्ताओं ने बताया कि कुछ लोग मानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ती तापमान का मतलब है कि लोग ठंड से कम मरेंगे लेकिन ऐसा नहीं है. इससे यह धारणा बनती है कि जलवायु परिवर्तन से तापमान संबंधित मौतें कम होंगी. हालिया अध्ययन में इस विचार का खंडन किया गया है. शोधकर्ताओं ने बताया कि गर्मी से संबंधित मौतों की संख्या हर हाल में ठंड से संबंधित मौतों अधिक होगी. अध्ययन में कहा गया है कि जहां पर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन ज्यादा हो रहा वहां पर कार्बन उत्सर्जन को अगर अनुकूल नहीं बनाया गया तो सिर्फ यूरोप में गर्मी के कारण कुल 58,25,746 अतिरिक्त मौतें होंगी. शोधकर्ताओं ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तत्काल आक्रामक उपायों की जरूरत है, वरना मुश्किलें कहीं ज्यादा सामने आ सकती है.

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