गोरखपुर. यूपी के गोरखपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने मानसिक रोगियों के इलाज के लिए नए रूप में सामने आया है. इसके लिए यहां मनोरोग विभाग में न्यूरो मॉड्यूलेशन यूनिट की स्थापना की गई है. यहां अत्याधुनिक आरटीएमएस (रिपेटिटिव ट्रांसक्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन) और ईसीटी (इलेक्ट्रोकोन्वल्सिव थेरेपी) मशीनें लगाई गई हैं. इस यूनिट का उद्देश्य गंभीर मानसिक रोगियों का उन्नत और प्रभावी इलाज करना है.
नई तकनीक से नया भरोसा
गोरखपुर एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह ने इसका उद्घाटन करते हुए कहा कि ये यूनिट आत्महत्या, अवसाद, स्ट्रोक और गंभीर मानसिक विकारों के मरीजों को राहत प्रदान करेगी. डॉ. सिंह के अनुसार, अक्सर मानसिक रोगी दवाओं का सही असर न मिलने पर निराशा में चले जाते हैं. ऐसे में यह मशीनें विद्युत और चुंबकीय ऊर्जा से उनका इलाज करेंगी. इससे मरीजों की दवाओं पर निर्भरता कम होगी और उनकी जीवनशैली बेहतर बनेगी.
आत्मघाती विचारों से मुक्ति
दिन प्रतिदिन आत्मघाती विचारों और तनावों से जुड़े रोगों का इलाज चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. इस यूनिट से ऐसे मरीजों को न केवल परामर्श मिलेगा, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति को सुधारने के लिए विशेष उपचार प्रक्रिया अपनाई जाएगी. आरटीएमएस और ईसीटी दोनों थेरेपी आधुनिक, सुरक्षित और दर्द रहित हैं, जो मरीजों को मानसिक और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करेंगी.
भविष्य का कदम
एम्स गोरखपुर की यह पहल मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है. ये यूनिट गोरखपुर को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम है.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 18:19 IST