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Desi Remedies to Survive Heatwave: भीषण गर्मी में मजदूर कैसे बचा रहे हैं खुद को? जानिए सत्तू, प्याज, गुड़ और आम पन्ना जैसे देसी नुस्खों का कमाल, जो 45 डिग्री तापमान में भी बना रहे हैं जान की ढाल.
हाइलाइट्स
- मजदूर सत्तू, प्याज, गुड़ और आम पन्ना से गर्मी से बचते हैं.
- काम का शेड्यूल बदलकर सुबह-शाम काम करते हैं.
- देसी खाद्य पदार्थों से शरीर में पानी की कमी नहीं होती.
अनुज गौतम, सागर: मध्य प्रदेश इन दिनों जल रहा है. सूरज की आग और लू की थपेड़ों ने जहां आम लोगों को घरों में कैद कर दिया है, वहीं मेहनतकश मजदूर अब भी पसीना बहा रहे हैं. सागर सहित प्रदेश भर में पारा 45 डिग्री के पार जा पहुंचा है और यह तपती धरती पर काम कर रहे मज़दूरों की हिम्मत और देसी जुगाड़ की असल परीक्षा बन चुका है.
ईंट भट्टे पर काम करने वाले गोविंद प्रजापति कहते हैं, “गर्मी अब जानलेवा हो चुकी है, लेकिन काम नहीं रुकेगा. दिन भर पानी तो पीते हैं, पर सत्तू, प्याज, आम का पन्ना, गुड़ और मठा से शरीर में ताकत बनी रहती है.” उनकी आंखों में तपते सूरज से नहीं, बल्कि उम्मीद से चमक है.
प्याज-गुड़ की जोड़ी बनी ढाल
कमलेश पटेल, जो रोज पल्लेदारी करते हैं, बताते हैं कि सुबह सत्तू पीकर निकलते हैं और टिफिन में प्याज और गुड़ लेकर चलते हैं. “कभी-कभी घर में महेरी भी बनवा लेते हैं. ये सब गर्मी में हमारी जान बचाने वाला उपाय है.”
अंकित प्रजापति का मानना है कि देसी खाद्य पदार्थों का कोई तोड़ नहीं. “मैं गर्मियों में खासतौर पर आम का भर्ता और कच्चे प्याज का सेवन करता हूं. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती, और गर्मी में चक्कर आने से भी बचते हैं.”
सुबह-शाम का रूटीन अपनाया
मज़दूरों ने अपना काम का शेड्यूल बदल लिया है. “अब हम सुबह जल्दी और फिर शाम के बाद ही काम करते हैं. दोपहर के समय शरीर झेल नहीं पाता,” अंकित बताते हैं.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.