Mammootty Colon Cancer: ऐसा कहा जा रहा है कि मलयालम फिल्म के मेगास्टार ममूटी कोलोन कैंसर से जुझ रहे हैं. उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना के साथ मेगास्टार मोहनलाल ने सबरीमाला में विशेष पूजा अर्चना की है. हालांकि उन्हें कौन सी बीमारी है, इसे लेकर पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन हम यहां आपको यह बताने जा रहे हैं कि कोलोन कैंसर इतना मुश्किल बीमारी भी नहीं है. अगर शुरुआती दौर में इसका पता चल जाए तो बेहद कम समय में इसका इलाज हो जाता है. कोलोन कैंसर का मतलब कोलोन यदि गुदाद्वार में होने वाला कैंसर से है. कोलोन कैंसर में बहुत दर्द होता है, इसलिए यह ज्यदातर लोगों को पहले पता चल जाता है. बहुत कम मामलों में ही मौत होती है. इसलिए अगर आप अपनी हेल्थ को लेकर चौकन्ना है तो इस बीमारी को आसानी से मात दे सकते हैं.
कोलोन कैंसर की पहचान कैसे करें
1. पेट संबंधी परेशानी-कोलोन कैंसर में बहुत शुरू में पता नहीं लगता लेकिन अगर किसी को पेट संबंधी समस्याएं लगातार हो रही है जैसे कि कब्ज या डायरिया तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. डॉक्टर कुछ टेस्ट के आधार पर बताएंगे कि कोलोन कैंसर है या नहीं. इसलिए बेहतर है कि यदि पेट संबंधी किसी भी तरह की परेशानी लगातर हो रही है तो एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें.
2. स्टूल से ब्लीडिंग-अगर आपके स्टूल में खून आ रहा है चाहे यह दर्द करे या न करें, इस मामले में तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए. हालांकि इस तरह के ज्यादातर मामलों में बवासीर होता है लेकिन तो भी आपको डॉक्टर के पास जरूर जानें.
3. पेट के एरिया में तकलीफ-अगर आपको लगे कि पेट अक्सर फूल रहा है. पेट में भारीपन है, क्रैंप होने लगता है, गैस की शिकायत है और दर्द भी होता है तो यह सब कोलोन कैंसर हो सकता है. ऐसे मामलों को नजरअंदाज न करें. डॉक्टर से अवश्य मिलें.
4. पेट हमेशा भरा रहना-अगर आपको लगता है कि आपका पेट खाली नहीं हो रहा है और यह कई दिनों से हो रहा है तो अवश्य ही डॉक्टर से दिखाना चाहिए. यह भी कोलोन कैंसर का संकेत हो सकता है.
5. थकान और कमजोरी-किसी भी तरह का कैंसर हो, इस बीमारी में बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी रहती है. हालांकि कैंसर के अलावा कुछ और बीमारियों में थकान और कमजोरी होती है. इसलिए घबराने की बात नहीं है लेकिन इसका टेस्ट कराना जरूरी है.
6. वजन कम-अन्य लक्षणों के साथ अगर वजन अचानक कम होने लगे तो यह कोलोन कैंसर का संकेत हो सकता है. हालांकि पेट की कुछ अन्य गंभीर बीमारी और अन्य तरह के कैंसर में भी अचानक वजन कम होने लगता है. कोलोन कैंसर में थोड़ा बाद में वजन कम होता है लेकिन बिना किसी वजह से अगर अचानक वजन कम हो तो यह गंभीर मामला हो सकता है. ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
कन लोगों को ज्यादा खतरा
कोलोन कैंसर का खतरा 50 साल के बाद की उम्र के लोगों में ज्यादा होता है लेकिन आजकल 15 साल की उम्र में भी कोलोन कैंसर के मामले देखे गए हैं. ऐसे में इसे कतर् नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. वैसे जिन लोगों इंफ्लामेटरी बावेल सिंड्रोम आबीडी है, उन्हें कोलोन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. जिन लोगों के परिवार में पहले से कैंसर की बीमारी हुई रहती है, उन्हें भी कैंसर का खतरा ज्यादा है. इसके अलावा डायबिटीज, मोटापा, स्मोकिंग, ड्रिंकिंक, कम एक्सरसाइज करने वालों को भी कोलोन कैंसर का रिस्क है.
किस तरह से कोलोन कैंसर से बचें
किसी भी तरह के कैंसर से बचने के लिए रोज हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज, सीड्स आदि का सेवन करना चाहिए. बाहर के जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड आदि से कैंसर का खतरा बढ़ता है. रेड मीट का ज्यादा सेवन भी कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. इसके अलावा अल्कोहल, सिगरेट, तंबाकू, ड्रग्स आदि से कैंसर का खतरा होता है.
क्या इसका इलाज है
बिल्कुल है. इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर शुरुआती चरण में है तो साधारण कीमोथेरेपी से ही बीमारी ठीक हो सकती है लेकिन अच्छे डॉक्टरों के पास जाना जरूरी है.
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