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Friday, July 5, 2024

इनफर्टिलिटी का खतरा महिलाओं को ज्यादा या पुरुषों को? हकीकत जानकर नहीं कर पाएंगे यकीन

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Facts About Infertility: देश में इनफर्टिलिटी के बढ़ते मामलों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. आज के जमाने में बड़ी संख्या में कपल्स बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे हैं और परेशानियों का सामना कर रहे हैं. कई कपल्स को बेहद कम उम्र में भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है. इनफर्टिलिटी एक गंभीर परेशानी बन गई है और लोगों की गलत आदतें इस समस्या को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. आज डॉक्टर से जानेंगे कि इनफर्टिलिटी क्या है और इससे किस तरह बचा जा सकता है. साथ ही यह भी जानेंगे कि इनफर्टिलिटी का खतरा किसे ज्यादा होता है.

नई दिल्ली के फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल के IVF डिपार्टमेंट की हेड डॉ. सुनीता अरोड़ा ने News18 को बताया कि अगर कपल्स की उम्र 35 साल से कम है और एक साल तक लगातार सेक्सुअल इंटरकोर्स के बावजूद प्रेग्नेंसी नहीं ठहर रही है, तो इसे इनफर्टिलिटी माना जाता है. हालांकि जिन कपल्स की उम्र 35 साल से ज्यादा होती है, वे 6-8 महीने की कोशिश के बावजूद प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं कर पा रहे हैं, तो इसे इनफर्टिलिटी के तौर पर देखा जाता है. ऐसे कपल्स की जांच करने के बाद इनफर्टिलिटी का इलाज किया जाता है. इनफर्टिलिटी महिला या पुरुष किसी में भी हो सकती है, जो संतान सुख में बाधा बनती है.

क्या महिलाओं को इनफर्टिलिटी का खतरा ज्यादा?

डॉक्टर सुनीता अरोड़ा ने बताया कि वर्तमान समय में महिला और पुरुष दोनों को इनफर्टिलिटी का खतरा बराबर है. अगर हम आंकड़ों के हिसाब से देखें तो 30-35 पर्सेंट मामलों में फीमेल्स में इनफर्टिलिटी देखने को मिलती है, जबकि इतने ही पर्सेंट पुरुषों को यह समस्या हो रही है. ऐसे में यह कहना सही नहीं होगा कि महिलाओं को इनफर्टिलिटी का खतरा ज्यादा है. आज के दौर में स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन करने की वजह से महिलाओं के एग्स का काउंट गिर रहा है, तो इन आदतों की वजह से पुरुषों का स्पर्म काउंट भी तेजी से कम हो रहा है. दोनों को इनफर्टिलिटी से बचने के लिए इन चीजों से बचना चाहिए.

कई फैक्टर इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार

फर्टिलिटी एक्सपर्ट की मानें तो सिर्फ स्मोकिंग और ड्रिंकिंग ही नहीं, बल्कि गलत लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खान-पान का बुरा असर लोगों की फर्टिलिटी पर देखने को मिल रहा है. जंक फूड्स, रात को देर से सोना, कंप्यूटर स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताना, नींद पूरी न होना और वातावरण में पॉल्यूशन की वजह से भी लोगों को इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ रहा है. अत्यधिक स्ट्रेस यानी तनाव भी फर्टिलिटी को बर्बाद कर सकता हैं. डॉक्टर की मानें तो फर्टिलिटी को बचाने के लिए अधिकतर चीजों को सुधारा जा सकता है और इनफर्टिलिटी से बचा जा सकता है.

ये बीमारियां भी बर्बाद कर सकती हैं फर्टिलिटी

डॉक्टर सुनीता अरोड़ा का कहना है कि भारत में जेनाइटल ट्यूबरक्लोसिस इनफर्टिलिटी की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. यह बीमारी महिला के यूटेरस, ट्यूब्स और ओवरी को बुरी तरह प्रभावित करती है. ये तीन प्रमुख फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन हैं, जो फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं. करीब 20 फीसदी महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस की वजह से इनफर्टिलिटी का शिकार हो सकती हैं. ऑटोइम्यून डिजीज की वजह से भी फर्टिलिटी को भारी नुकसान होता है. पुरुषों में डायबिटीज की वजह से फर्टिलिटी बर्बाद हो रही है. जिम में मसल्स बनाने के लिए लेने वाले प्रोडक्ट इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ा देते हैं.

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Tags: Health, Lifestyle, Male Fertility, Trending news



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