अंकुर सैनी/सहारनपुर: भारत में औषधीय पौधों की 7000 से ज्यादा प्रजातियां हैं. जिनका आयुर्वेद में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि विदेशी होने के साथ ही कई बीमारियों में रामबाण का काम करता है. हम बात कर रहे हैं अमेरिका लेंटाना की, जो कि अमेरिका एवं आफ्रिका मूल का पौधा है. इस पौधे को अंग्रेजों द्वारा सजावटी पौधे के रूप में दक्षिण अमेरिका से भारत देश में लाया गया था. लेंटाना को वनों का कैंसर भी कहा जाता है. भारतीय जंगलों को इस फूल के पौधे से गंभीर खतरा है. इस बेहद खतरनाक पौधे का नाम है छत्तियानाशी जबकि इसका वैज्ञानिक नाम लैंटाना कैमरा और आम बोलचाल की भाषा में इस पौधे को पंचफूली भी कहा जाता है. पारंपरिक चिकित्सा में ‘लैंटाना’ पौधों का उपयोग सदियों से किया जाता रहा है. कहा जाता है कि बुखार, सर्दी, खांसी, सिरदर्द, त्वचा संक्रमण और पाचन समस्याओं जैसी विभिन्न सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में लैंटाना का उपयोग किया जाता है. इस पौधे में सूजनरोधी, जीवाणुरोधी और फंगलरोधी गुण भी पाए जाते हैं.
अमेरिका लेंटाना विभिन्न बीमारियों में आता है काम
आयुर्वैदिक डॉक्टर हर्ष ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि एक्चुअल में यह भारत का नहीं बल्कि अमेरिका का पौधा है. यह भारत में अब काफी अधिक संख्या में पाया जाने लगा है. अमेरिका लेंटाना को महाराष्ट्र में घणेरी के नाम से भी जाना जाता है. अमेरिका लेंटाना का प्रयोग विभिन्न प्रकार के घाव को भरने में किया जाता है. भगंदर (फिस्टुला) में, पाइल्स में, मिर्गी के दौर में, मलेरिया में इसका बहुत अच्छा इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन मेन कार्य इसका घाव को भरने में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है.
यह पौधा मिट्टी में पोषक तत्व चक्र को परिवर्तित कर देता है जिससे वहां पर अन्य कोई देशी पौधा नहीं पनप पाता है. इस पौधे के आक्रमण के परिणामस्वरूप जंगली शाकाहारी जानवरों के लिए देशी चारा पौधों की कमी हो गई है.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 08:22 IST
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