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Wednesday, September 18, 2024

कई खतरनाक बीमारियों के लिए काल है ये मीठा पौधा! पाचन जैसी समस्या में भी कारगर

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अमित कुमार/समस्तीपुर:- गुड़मार का पौधा एक अत्यधिक मूल्यवान औषधीय पौधा है, जो भारत में, विशेषकर बिहार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में उगता है. ये ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और चीन में भी पाया जाता है. इसका नाम “गुड़मार” हिंदी के शब्द ‘गुड़’ (मिठास) और ‘मार’ (समाप्त करने वाला) से मिला है, जो इस पौधे की मिठास को खत्म करने की क्षमता को दर्शाता है. गुड़मार का उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के उपचार में किया जाता है. इसका प्रमुख गुण इसके शर्करा-नियंत्रण की क्षमता में है. यह टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है, क्योंकि यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा, गुड़मार का पाचन संबंधी समस्याओं, आंत में बैक्टीरिया की वृद्धि और त्वचा के संक्रमणों को कम करने में भी प्रभावी योगदान होता है.

चाय, पाउडर और कैप्सूल के रूप में उपयोग
आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध पद्धतियों में गुड़मार के पत्ते, तने और जड़ का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है. इसके औषधीय गुणों के कारण यह पौधा न केवल घरेलू उपचार में, बल्कि औषधीय तैयारियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. गुड़मार की चाय, पाउडर और कैप्सूल जैसे रूपों में इसका सेवन किया जाता है, जो इसके गुणकारी प्रभाव को संपूर्ण रूप से प्राप्त करने में सहायक होते हैं. इस प्रकार, गुड़मार न केवल एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, बल्कि यह विभिन्न बीमारियों के इलाज में एक प्राकृतिक विकल्प भी प्रदान करता है. इसके नियमित उपयोग से स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाया जा सकता है.

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मधुनाशिनी के पौधे पर वैज्ञानिक ने दी जानकारी

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मेडिसिनल प्लांट इंचार्ज, वैज्ञानिक डॉक्टर दिनेश राय ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए मधुनाशिनी, जिसे गुड़मार भी कहते हैं, के महत्व पर विस्तार से जानकारी देते हुऐ बताया कि गुड़मार केवल एक साधारण पौधा नहीं है, बल्कि यह डायबिटीज के मरीजों के लिए एक प्रभावी औषधि के रूप में कार्य करता है. डॉ. राय ने विस्तार से बताया कि गुड़मार के चूर्ण और पत्तियों का उपयोग केवल डायबिटीज के इलाज में नहीं, बल्कि आंत, पाचन, त्वचा जैसी कई बीमारियों के उपचार में भी किया जाता है.

यह पौधा विशेष रूप से शर्करा को नियंत्रित करने में सक्षम होता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपाय साबित हो सकता है. उन्होंने इस पौधे की औषधीय गुणों के बारे में भी जानकारी साझा की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि गुड़मार का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में भी अत्यंत प्रभावी है. इसके पत्ते और चूर्ण का नियमित उपयोग शरीर की विभिन्न समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है. यह जानकारी उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो प्राकृतिक औषधियों के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं.

Tags: Bihar News, Health News, Local18, Samastipur news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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