इटावा: कुख्यात डाकुओ के आंतक के लिए बदनाम मानी जाने वाले चंबल के बीहडों मे पैदा होने वाला फल एक तरफ गांव वालों की बदहाली दूर करता है तो दूसरी तरफ इंसानों की सेहत सुधारने का काम करता है. इस सीजन में इस फल की चर्चा और मांग तेज हो जाती है. चंबल के बीहड़ में बारिश के दिनों में प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाले इस फल को ककोरा के नाम से पुकारा जाता है. काकोरा नाम के इस फल को खाने के काफी लोग इच्छुक रहते हैं क्योंकि साल के कुछ ही दिनों मिलता है.
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