Last Updated:
Jamun Seeds Benefits: बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िला स्थित वनवर्ती क्षेत्रों में जामुन के पेड़ खूब पाए जाते हैं. मुख्य रूप से यदि बात की जाए ज़िले के बैरिया प्रखंड के अंतर्गत आने वाले सरैयामन वाइल्ड लाइफ सेंचुरी…और पढ़ें
जानकार बताते हैं कि ज्यादातर फलों की तुलना में जामुन कई पोषक तत्वों से भरा होता है. गर्मियों में इसके गुदे ही नहीं बल्कि, बीजों का चूर्ण बनाकर भी खूब सेवन किया जाता है. बाज़ार में कुछ ही महीने बिकने वाला यह फल स्वास्थ्य के लिए वरदान है.


क़रीब 40 वर्षों से आयुर्वेदाचार्य के रूप में कार्यरत और वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे बताते हैं कि जामुन खुद में बेहद अधिक पानी सोख कर रखता है. इसका सेवन आपको गर्मियों में डिहाइड्रेशन की समस्या सहित करीब 12 बीमारियों में राहत पहुंचाता है.


कोई भी व्यक्ति इसके गुदे सहित बीजों का उपयोग भी अलग-अलग समस्याओं में कर सकता है. जब भी आपको सिर और घुटनों में तेज जलन की समस्या हो तब जामुन के बीज का लेप बनाकर, उसे कपड़े में डाल कर प्रभावित जगह पर छाप सकते हैं.इससे जलन की समस्या से तुरंत राहत मिलेगी.


जामुन के बीज का उपयोग करने से पाचन संबंधी समस्या का भी समाधान होता है. जानकार बताते हैं कि इस फल की गुठली में फाइबर की मात्रा बेहद अधिक होती है. इसकी वजह से मल त्याग की परेशानी दूर होती है. खास बात यह है कि जामुन के बीजों में कार्मिनेटिव गुण होते हैं, जो पेट फूलना, अपच और अन्य पाचन विकारों को दूर करने में मदद करते हैं.


जामुन के बीज का पावडर नियमित रूप से खाने से शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है. यह खून में अच्छे HDL कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और बैड कॉलेस्ट्रॉल LDL को घटाता है.


जामुन के बीजों में हाइपोटेंशन गुण होते हैं, जो ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे बताते हैं जामुन के बीजों का चूर्ण बनाकर सुबह शाम खाने से मधुमेह की बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है.


जामुन के बीजों में जम्बोलिन होता है, इसमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. साथ ही यह इंसुलिन लेवल में भी सुधार करता है.