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Friday, September 6, 2024

एक साथ 10 काम करना स्मार्टनेस नहीं बेवकूफी ! दिमाग का बज जाएगा बैंड, जानें 5 फैक्ट

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Harmful Effects of Multitasking: आज के जमाने में हर कोई मल्टीटास्किंग करना चाहता है. मल्टीटास्किंग मतलब एक साथ कई काम करना. अक्सर आपने देखा होगा कि लोग चलते-फिरते ऑफिस का काम करते रहते हैं. सभी कंपनियां भी चाहती हैं कि उनके कर्मचारी मल्टीटास्किंग करें. इसे आजकल एक अनोखी स्किल के तौर पर देखा जाता है. मल्टीटास्किंग करने वाले लोग भले ही करियर में तेजी से तरक्की कर लें, लेकिन ऐसा करना मेंटल हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. जी हां, मल्टीटास्किंग का सेहत पर बुरा असर पड़ता है और लंबे समय तक ऐसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है.

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) की रिपोर्ट के मुताबिक एक साथ कई कठिन काम करने से आपकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है और इसका बुरा असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. साइकोलॉजी के एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इंसानों का माइंड और ब्रेन मल्टीटास्किंग के लिए नहीं बना होता है. लंबे समय तक भारी-भरकम मल्टीटास्किंग ब्रेन में ओवरलोडिंग की कंडीशन पैदा कर सकती है और इससे मेंटल हेल्थ बर्बाद हो सकती है. ऐसा करने से हमारी मेमोरी पर बुरा असर पड़ता है और कॉग्निजेंस पावर प्रभावित हो सकती है. लंबे समय तक मल्टीटास्किंग लोगों के लिए जी का जंजाल बन सकती है.

साल 2020 की एक स्टडी में मल्टीटास्किंग को लेकर चौंकाने वाली बातें सामने आई थीं. इसमें पता चला कि डिजिटल या स्क्रीन-आधारित मीडिया के कई फॉर्मेट में एक साथ मल्टीटास्किंग करने से कम उम्र के लोगों की याददाश्त कमजोर हो रही है. यह आदत युवाओं के लिए डिस्ट्रेक्शन का कारण बन रही है और इससे उनकी मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो रही है. एक अन्य स्टडी की मानें तो मीडिया मल्टीटास्किंग और कमजोर मेमोरी के बीच सीधा कनेक्शन होता है. सिर्फ मेंटल हेल्थ ही नहीं, बल्कि मल्टीटास्किंग से फिजिकल हेल्थ भी बुरी तरह बिगड़ सकती है.

मल्टीटास्किंग के 5 सबसे बड़े नुकसान

साइकोलॉजी टुडे की रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल मल्टीटास्किंग करने से लोगों के ब्रेन में ग्रे मैटर में कमी आ सकती है. यह मैटर कॉग्निजेंस कंट्रोल और इमोशंस से जुड़ा होता है. आसान भाषा में कहें, तो लंबे समय तक मल्टीटास्किंग आपकी संज्ञानात्मक और भावनात्मक क्षमता को कम कर सकती है.

– एक साथ कई काम करने से डिस्ट्रेक्शन की संभावना बढ़ जाती है. एक रिसर्च में पाया गया कि जितने ज्यादा लोग मल्टीटास्किंग करते हैं, उतनी ही ज्यादा संभावना है कि वे व्यवहारिक रूप से बेचैन होने लगते हैं. इससे वे जरूरी और गैर जरूरी डिस्ट्रेक्शन में अंतर करना भूल सकते हैं.

– मल्टीटास्किंग कई बार मौत की वजह बन सकती है. कई रिसर्च में पाया गया कि मल्टीटास्किंग करने के कारण लोग एक्सीडेंट का शिकार हो सकती है. इससे कार चलाने वाले लोगों को ही नहीं, बल्कि सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों को भी खतरा हो सकता है.

– मल्टीटास्किंग से क्रोनिक स्ट्रेस बढ़ता है. कॉलेज के छात्रों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि कंप्यूटर का उपयोग करते समय जितने अधिक छात्र मल्टीटास्किंग करते हैं, उतना ही अधिक तनाव महसूस करते हैं. लगातार मल्टीटास्किंग से क्रोनिक तनाव और डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है.

– मल्टीटास्किंग से आपके रिश्ते को नुकसान पहुंच सकता है. स्मार्टफोन पर मल्टीटास्किंग आपसी रिश्तों को खराब कर सकती है. एक रिसर्च में सामने आया कि एक साथ कई काम करने वाले लोगों और उनके पार्टनर के बीच रिश्तों में संतुष्टि में काफी कमी आ जाती है, जिससे रिश्ता बर्बाद हो सकता है.

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Tags: Health, Lifestyle, Trending news



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