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Monday, July 8, 2024

कोवेक्सिन के साइड इफेक्ट्स पर ICMR ने लगाई कड़ी फटकार, कहा-ऐसी जानकारी बर्दाश्त नहीं, सर्वे पर भी गंभीर सवाल

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ICMR Reprimind on Vaccine Research: हाल ही में कोवेक्सिन के साइड इफेक्ट्स को लेकर बीएचयू में एक रिसर्च की गई थी. इस रिसर्च को एक विदेशी जर्नल में प्रकाशित किया था, उसके बाद कोवेक्सिन के साइड इफेक्ट्स पर मीडिया में कई खबरें आई थी. इस खबर में कहा गया था कि भारत वायोटेक द्वारा विकसित कोरोना के खिलाफ कोवेक्सिन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे हैं. नई स्टडी में दावा किया गया था कि जिन लोगों ने कोवेक्सिन वैक्सीन लगाई है, उनमें 30 प्रतिशत को किसी न किसी तरह के साइड इफेक्ट्स देखे गए. वहीं महिलाओं में इस कारण पीरियड्स संबंधी बड़ी दिक्कतें भी देखी जा रही हैं. अब इस रिसर्च पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

आईसीएमआर का कोई लेना-देना नहीं
आईसीएमआर ने न्यूजीलैंड स्थित ड्रग सेफ्टी जर्नल के एडिटर और बीएचयू को लिखे नोटिस में लिखा है कि जिस रिसर्च में यह दावा किया गया है कि एक साल तक के अध्ययन में वैक्सीन लेने वाले लोगों पर गंभीर साइड्स इफेक्ट्स देखे गए, वह रिसर्च पूरी तरह भ्रामक और गलत तथ्यों पर आधारित है. इसका आईसीएमआर से कोई लेना-देना नहीं है. आईसीएमआर ने न तो इसके लिए कोई टेक्निकल मदद दी है या न ही कोई वित्तीय सहायता दी है. आईसीएमआर ने लिखा है कि स्टडी में कोवेक्सिन का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि इसके प्रभाव को लेकर एक साल तक अध्ययन किया गया लेकिन जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली, उन लोगों के साथ इसमें तुलना है ही नहीं. फिर कैसे समझें कि ये साइड्स इफेक्ट्स सिर्फ वैक्सीन लेने वालों पर ही हुई. जो साइड्स इफेक्ट्स बताए जा रहे हैं वो भी सामान्य साइड्स इफेक्ट्स है और ये किसी को भी हो सकते हैं.

साइड इफेक्ट्स वाले लोगों का बैकग्राउंड नहीं
आईसीएमआर ने कहा है कि स्टडी में शामिल लोगों के बैकग्राउंड का कोई जिक्र नहीं किया गया कि उन्हें पहले से किस तरह की परेशानी थी. इससे यह कैसे पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को साइड इफेक्ट्स वैक्सीन लेने के बाद ही हुए हैं. ऐसे में इसका कोविड-19 की वैक्सीन से जोड़ना कतई सही नहीं है. जिस तरह से इस स्टडी में एक हजार से कम व्यक्तियों के डाटा लिए गए वह भी पूरी तरह से एकतरफा है. दिलचस्प बात यह है कि सर्वे में शामिल लोगों से फोन पर जानकारी ली गई और उनसे पूछा गया कि आपको कौन सी परेशानी है. यह तथ्य भी अपने आप में भ्रामक है क्योंकि इस स्थिति में कोई फिजिकल जांच या खून टेस्ट भी नहीं किए गए. इन सारे गलत तथ्यों के आधार पर आईसीएमआर ने जर्नल से अबिलंब खुद का संदर्भ हटाने को कहा है.

इस तरह की हो रही हैं दिक्कतें
जो स्टडी बीएचयू ने की थी उस स्टडी के मुताबिक एक प्रतिशत लोगों में स्ट्रोक और गुलैन बैरे सिंड्रोम भी देखा गया. इसके अलावा स्किन से संबंधित बीमारियां, नसों से संबंधित परेशानियां और सामान्य डिसॉर्डर जैसी परेशानियां किशोर उम्र वाले लोगों में भी देखा गया. इन सबके अलावा 5.8 प्रतिशत लोगों में मसल्स से संबंधित परेशानियां भी देखी गई. अध्ययन में पाया गया कि 4.6 प्रतिशत कोवेक्सिन लेने वाली महिलाओं में पीरियड्स से संबंधित गंभीर दिक्कतें सामने आई. वहीं थायराइड और आंखों की परेशानियां भी कोवेक्सिन के साइड इफेक्ट्स में सामने आई.

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Tags: Covaxin, Health, Health tips, Lifestyle



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