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Monday, July 8, 2024

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं न करें यह गलती, वरना जन्म से पहले ही बच्चे का IQ हो जाएगा कमजोर

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हाइलाइट्स

गर्भवती महिलाओं को तीसरे ट्राइमेस्टर में स्ट्रेस बिल्कुल नहीं लेना चाहिए.अत्यधिक तनाव से गर्भ में पल रहे बच्चे के IQ को नुकसान पहुंच सकता है.

Pregnancy Tips: प्रेग्नेंट महिलाओं को स्ट्रेस से बचना चाहिए. प्रेग्नेंसी के दौरान अत्यधिक तनाव गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है. एक नई स्टडी में चेतावनी दी गई है कि प्रेग्नेंसी के आखिरी कुछ महीनों में ज्यादा स्ट्रेस लेने से जन्म से पहले ही बेबी बॉय का IQ लेवल कम हो सकता है. आईक्यू (Intelligence Quotient) किसी भी व्यक्ति की मानसिक क्षमता को जानने का स्टैंडर्ड तरीका होता है. इस रिसर्च में दिलचस्प बात यह सामने आई है कि प्रेग्नेंसी में तनाव से गर्भ में पल रहे सिर्फ बेबी बॉय का आईक्यू लेवल प्रभावित होता है, लेकिन बेबी गर्ल के आईक्यू पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. आखिर इसकी वजह क्या होती है और तनाव किस तरह अजन्मे बच्चों का आईक्यू लेवल प्रभावित कर सकता है. इस बारे में शोधकर्ताओं ने कई बातें बताई हैं.

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी के तीसरे ट्राइमेस्टर के दौरान स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का उच्च स्तर गर्भ में पल रहे लड़कों के आईक्यू स्कोर को प्रभावित कर सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि खून में कोर्टिसोल का लेवल लड़कियों के आईक्यू को प्रभावित नहीं करता है. भ्रूण के विकास के लिए कोर्टिसोल का संपर्क आवश्यक होता है, लेकिन यह नुकसान भी पहुंचा सकता है. यह एक स्टेरॉयड हार्मोन होता है, जो शरीर को तनाव का जवाब देने में मदद करता है. ऐसा माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मिलने वाला यह हॉर्मोन जन्म के बाद भी बच्चों के मस्तिष्क को प्रभावित करता है.

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है और लड़कियों को जन्म देने वाली गर्भवती महिलाएं आमतौर पर लड़कों की तुलना में अधिक कोर्टिसोल रिलीज करती हैं. हालांकि प्लेसेंटा में 11बीटा-एचएसडी2 नामक एक एंजाइम कोर्टिसोल की मात्रा को नियंत्रित करता है. यह कोर्टिसोल को उसके निष्क्रिय रूप में परिवर्तित करके भ्रूण तक पहुंचता है, जिसे कोर्टिसोन कहा जाता है. स्टडी के रिजल्ट बताते हैं कि लड़कियां प्लेसेंटल 11बीटा-एचएसडी2 की गतिविधि से अधिक सुरक्षित हो सकती हैं, जबकि लड़के मैटरनल साइकोलॉजिकल कोर्टिसोल के जन्मपूर्व जोखिम के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं.

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने तीसरे ट्राइमेस्टर वाली 943 गर्भवती महिलाओं के कोर्टिसोल और कोर्टिसोन स्तर और उनके सात वर्ष की आयु के 943 बच्चों के आईक्यू परीक्षणों पर डेटा का विश्लेषण किया था. उन्होंने पाया कि जिन गर्भवती महिलाओं के गर्भ में लड़का होता है, उनके खून में कोर्टिसोल का स्तर उन महिलाओं की तुलना में कम होता है, जिनके गर्भ में लड़की होती है. गर्भ में उच्च कोर्टिसोल स्तर के संपर्क में आने वाले लड़कों ने 7 साल की उम्र में आईक्यू टेस्ट में कम नंबर हासिल किए. हालांकि उसी उम्र की लड़कियों ने आईक्यू टेस्ट में बेहतर स्कोर किया. स्टडी की लीड ऑथर डॉ. अंजा फेंगर ड्रेयर की मानें तो गर्भावस्था के दौरान यूरिन में कोर्टिसोन के स्तर और बच्चों में आईक्यू स्कोर के बीच संबंध की जांच करने वाली यह पहली स्टडी है.

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Tags: Health, Lifestyle, Pregnant Women, Trending news



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