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Gomukhasana Yoga Benefits: गोमुखासन योगासन शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करता है. यह तनाव घटाता है, कंधों, पीठ और जांघों की मांसपेशियों को ताकत देता है. अस्थमा और डायबिटीज में भी लाभकारी है.
गोमुखासन को अस्थमा के रोगियों के लिए भी प्रभावी माना गया है.
हाइलाइट्स
- गोमुखासन तनाव और बेचैनी को घटाता है.
- यह कंधों, पीठ और जांघों की मांसपेशियों को ताकत देता है.
- सर्वाइकल और कमर दर्द में राहत देता है.
योग केवल व्यायाम का माध्यम नहीं, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने की एक जीवनशैली है. इसी योग विज्ञान में एक खास आसन है, गोमुखासन. इस शब्द का अर्थ है ‘गाय के मुख जैसी मुद्रा’. ‘गो’ यानी गाय, ‘मुख’ यानी चेहरा, और ‘आसन’ यानी बैठने की विशेष स्थिति. इस आसन में शरीर की मुद्रा गाय के चेहरे जैसी प्रतीत होती है, जहां पैरों की स्थिति गाय के मुंह की और हाथों की कोहनियां उसके कानों की आकृति बनाती हैं. यह आसन शरीर की थकान को दूर करता है और मानसिक स्थिरता बढ़ाता है, जिससे ध्यान लगाना और मन को केंद्रित करना आसान हो जाता है.
आयुष मंत्रालय के अनुसार, गोमुखासन तनाव और बेचैनी को घटाने में सहायक होता है. यह विशेष रूप से कंधों, पीठ और जांघों की मांसपेशियों को ताकत देता है और उन्हें सक्रिय रखता है. जो लोग दिनभर कंप्यूटर या कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं, उनके लिए यह योगासन अत्यंत लाभकारी है. इसके अतिरिक्त, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं में भी यह आसन राहत देता है. यह रीढ़ को सीधा और मजबूत बनाता है, जिससे कमर दर्द जैसी समस्याएं कम होती हैं और शरीर अधिक लचीला बनता है. इसके नियमित अभ्यास से बैठने की मुद्रा भी सुधरती है और शरीर की थकान कम महसूस होती है.