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Wednesday, April 2, 2025

मेडिकल इतिहास का करिश्मा, पहली बार सूअर का लिवर इंसान में प्रत्यारोपित, 9 घंटे तक चली सर्जरी, भविष्य में जीवन की गारंटी

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World First Pig Liver Transplanted in Human: दुनिया में पहली बार वैज्ञानिकों ने सूअर से निकाले गए लिवर को इंसान के शरीर में फिट कर दिया है. इसे मेडिकल इतिहास का करिश्मा माना जा रहा है.

सूअर का लिवर इंसान में.

हाइलाइट्स

  • 7 महीने के सूअर के लिवर को इंसान में प्रत्यारोपित किया गया.
  • चीन के जियान प्रांत के अस्पतालों में डॉक्टरों ने किया यह करिश्मा.
  • 10 दिनों तक सफलातपूर्वक काम करता रहा सूअर का लिवर.

World First Pig Liver Transplanted in Human: दुनिया में पहली बार सूअर से लिवर को निकाल कर इंसान में फिट कर दिया गया है. यह मेडिकल इतिहास का किसी करिश्मे से कम नहीं है. चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसा किया है. चीन के वैज्ञानिकों ने सात महीने के जेनेटिकली मोडिफाइड सूअर बामा से लिवर निकाला और इसे एक ब्रेन डेड मरीज में प्रत्यारोपित कर दिया. इस सर्जरी में डॉक्टरों को 9 घंटे का समय लगा. जब सूअर से इस लिवर को निकाला गया तो इसके बाद मेडिकल सॉल्यूशन में इसे 0 से 4 डिग्री के तापमान पर जिंदा रखा गया. इसके बाद 9 घंटे की सर्जरी के बाद 50 साल के ब्रेन डेड इंसान के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया. उस इंसान का लिवर फेल हो चुका था. उस इंसान के परिवार ने इसके लिए डॉक्टरों को अनुमति दे दी थी.

10 दिनों तक जिंदा रहा लिवर
डेलीमेल की खबर के मुताबिक दुनिया भर में फेल लिवर के शिकार ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है क्योंकि ज्यादातर लोगों में उचित डोनर लिवर नहीं मिलता है. अगर मिलता भी है तो दूसरे के शरीर में इस लिवर के रिजेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में चीनी वैज्ञानिकों का यह प्रयास किसी करिश्मा से कम नहीं है. वैज्ञानिकों का दावा है कि जब इस लिवर को ब्रेन डेड इंसान में प्रत्यारोपित कर दिया गया तो यह प्रत्यारोपित लिवर 10 दिनों तक कुदरती तरीके से बाइल या पित्त का निर्माण करता रहा. इससे पहले अमेरिकी और चीनी वैज्ञानिकों ने सूअर से प्राप्त हार्ट, किडनी और थायमस ग्लैंड को इंसानों में प्रत्यारोपित कर चुके हैं. हालांकि पहली बार सूअर के लिवर को इंसानों में प्रत्यारोपित किया गया.

एक दिन यही लिवर बन सकता है स्थायी समाधान
चीनी वैज्ञानिकों की टीम का कहना था कि इसे लिवर प्रत्यारोपण से लंबे समय तक मरीज के जिंदा रहने के बजाय इस रूप में देखा जाए कि इससे मरीज को तात्कालिक जीवन मिला है. मतलब अगर किसी मरीज का लिवर फेल हो जाता है तो जब तक डोनर का लिवर नहीं मिल जाता तब तक के लिए यह लिवर काम करता रहेगा. हालांकि वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि एक दिन यह हमारे लिए लिवर फेल का स्थायी समाधान हो सकता है. जियान में जिजिंग अस्पताल के प्रोफेसर और इस ट्रायल के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर लिन वांग ने कहा कि पहली बार हमने विपरीत परिस्थिति में सूअर के लिवर को इंसानों की बॉडी में काम करते हुए दिखाया है. बेशक यह वर्तमान में 10 दिन तक ही काम किया लेकिन हमारा सपना है कि इस लिवर को एक दिन हम ज्यादा लंबे समय तक इंसान के शरीर में जिंदा रखने में सफल होंगे.

कैसे किया यह काम
सबसे पहले जेनेटिकली मोडिफाइड एक सूअर को विकसित किया गया. जीन में इस तरह का परिवर्तन किया गया ताकि रिजेक्शन का चांस कम हो. इसके बाद सूअर से लिवर को निकाल लिया गया. फिर इसे मेडिकल सॉल्यूशन में रखा गया. अब मरीज के फेल लिवर को निकाल लिया गया और उसकी जगह डोनर के लिवर को ब्लड वैसल्स में सेट कर दिया गया. फिर पाया गया कि लिवर सफलातपूर्वक बाइल का प्रोडक्शन कर रहा है और ब्लड फ्लो भी सही है. यह लिवर सही से काम करता रहा. लेकिन 10 दिनों के बाद मरीज के परिवार के अनुरोध पर इसे निकाल लिया गया.

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मेडिकल इतिहास का करिश्मा, पहली बार सूअर का लिवर इंसान में प्रत्यारोपित



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