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Sunday, September 8, 2024

क्या एयरपॉड्स के ज्यादा इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर होता है? क्या कहती है रिसर्च, कितनी हो साउंड लिमित, जानिए सब कुछ

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Excessive Use of AirPods: आजकल के जमाने में एयरपॉड्स अधिकतर इंसानों के लिए जरूरी गैजेट है क्योंकि अधिकांश लोग अपने पास से मोबाइल को कहीं फटकने नहीं देते. मोबाइल की आवाज सीधे कानों तक पहुंचे, इसके लिए लोग एयरपॉड्स का इस्तेमाल करते हैं. इसमें वायर की जरूरत नहीं होती. यह वायरलेस गैजेट है. आजकल अधिकांश युवा एयरपॉड्स का इस्तेमाल करते हैं. चाहे किसी भी तरह के गैजेट्स क्यों न हो, अगर ये वायरलेस है तो यह एयरपॉड्स की तरह ही है. हालांकि कई बार आपने सुना होगा कि एयरपॉड्स या इस तरह के गैजेट्स से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलता है. लेकिन क्या ये रेडिएशन कैंसर का भी कारण बन सकता है? इस बात को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों में एकमत नहीं है. कभी किसी रिसर्च में कहा जाता है कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से ब्रेन ट्यूमर या कैंसर का खतरा है तो कभी किसी रिसर्च में इस बात को नकार दिया जाता है. हालांकि चिंता इस बात की ज्यादा है कि अगर यह नुकसान करता है तो वयस्कों से ज्यादा बच्चों को ज्यादा करता है. ऐसे में इसके परिणाम निकलकर सामने आएंगे.

रिसर्च में क्या बात सामने आई
इसमें कोई संदेह नहीं कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से कैंसर, दिमाग संबंधी समस्या, मर्दानगी की समस्याएं, मेमोरी लॉस जैसी समस्याएं का खतरा रहता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक मोबाइल फोन और वाइरलेस डिवासेज से कैंसर का खतरा हो सकता है लेकिन इस बात का अभी तक कोई सीधा लिंक नहीं जुड़ा है. टीओआई की खबर में एचसीजी कैंसर सेंटर, बेंगलुरु के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. गौरव मेदिकरी बताते हैं कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के प्रति चिंता तो जताई जा रही है लेकिन अब तक इसका कोई फुलप्रूव प्रमाण नहीं है कि एयरपॉड्स से ब्रेन ट्यूमर होता है. यूजर यह सोच कर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं कि इसका नगण्य खतरा है. लेकिन अगर आप एयरपॉड्स के इस्तेमाल में कुछ गाइडलाइंस का पालन करेंगे तो आपकी हेल्थ के लिए यह अच्छा ही रहेगा. जैसे कि इन गैजेट्स का जितना कम इस्तेमाल कर सकते हैं, उतना ही कीजिए. दूसरा लंबे समय तक इस गैजेट्स का इस्तेमाल न करें.

एयरपॉड्स के ज्यादा इस्तेमाल से नुकसान
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक ब्लूटूथ, इयरफोन से निकलने वाले रेडियोफ्रीक्वेंसी वेव्स बहुत कम होता है. यहां तक कि सेल फोन से भी कम रेडिएशन निकलता है. इसलिए यदि इससे खतरा है भी तो बेहद मामूली है. यूनिवर्सिटी ऑफ रोम के एक अध्ययन में भी एयरपॉड्स और ब्रेन ट्यूमर के बीच कोई डायरेक्ट लिंक स्थापित नहीं हो सका. फोर्टिस कनिंघम रोड, बेंगलुरु के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. गणेश वी ने बताया कि एयरपॉड्स से ब्रेन ट्यूमर का खतरा हो या नहीं हो, लेकिन यदि आप एयरपोड्स का ज्यादा इस्तेमाल करेंगे या एक साथ बहुत देर तक इस्तेमाल करेंगे तो कई तरह की परेशानियां हो सकती है. उन्होंने बताया कि एयरपॉड्स से यदि आप 85 डेसीबल की आवाज से ज्यादा ध्वनि में सुनते हैं तो इससे कान के आंतरिक हिस्से का हेयर सेल्स डैमेज हो सकता है. इससे सुनने की क्षमता भी जा सकती है. वहीं अगर एयरपॉड्स को सही से साफ नहीं करेंगे तो कानों में इंफेक्शन हो सकता है. वहीं कान में ज्यादा समय एयरपॉड्स लगाने से इयरवैक्स बढ़ सकता है जिससे हीयरिंग लॉस हो सकता है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle



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