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Saturday, September 14, 2024

टॉयलेट में ज्यादा जोर लगाने से भी आ सकता है हार्ट अटैक ! वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

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Constipation Cause Heart Attack: टॉयलेट में ज्यादा जोर लगाने से आपकी मौत हो सकती है. यह सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह खुलासा एक हालिया रिसर्च में हुआ है. ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने हजारों लोगों के डाटा का विश्लेषण करने के बाद यह सनसनीखेज दावा किया है. वैज्ञानिकों की मानें तो कब्ज और हार्ट अटैक एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. कब्ज वाले मरीजों को दिल के दौरे का खतरा कई गुना ज्यादा होता है.

ऑस्ट्रेलिया में की गई इस स्टडी में 60 वर्ष से अधिक उम्र के 540,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें अलग-अलग परेशानियों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसमें पाया गया कि कब्ज वाले मरीजों में उसी उम्र के गैर-कब्ज वाले मरीजों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा अधिक था. करीब 900,000 से अधिक लोगों पर किए गए एक डेनिश अध्ययन में भी यही पाया गया था.

वैज्ञानिकों की मानें तो अभी यह साफ नहीं है कि क्या कब्ज और दिल के दौरे और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम के बीच यह संबंध अस्पताल के बाहर स्वस्थ लोगों के लिए सही होगा. इन ऑस्ट्रेलियाई और डेनिश रिसर्च में हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के प्रभावों को भी शामिल नहीं किया गया, जिससे लोगों को कब्ज की परेशानी हो सकती है. हालांकि कुछ रिसर्च में इन दवाओं के असर के परिणाम भी सामने आए हैं.

मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हाल ही में किए गए अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में कब्ज और सामान्य आबादी में दिल के दौरे, स्ट्रोक और हार्ट फेल होने के बढ़ते जोखिम के बीच संबंध पाया गया है. शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक के डेटा का विश्लेषण किया, जो यूनाइटेड किंगडम में लगभग पांच लाख लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का एक डेटाबेस है. शोधकर्ताओं ने कब्ज के 23,000 से अधिक मामलों की पहचान की और हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए दवाओं के प्रभाव का हिसाब लगाया, जिससे कब्ज हो सकता है.

कब्ज से पीड़ित लोगों में बिना कब्ज वाले लोगों की तुलना में दिल का दौरा, स्ट्रोक या हार्ट फेल होने की संभावना दोगुनी थी. शोधकर्ताओं ने हाई ब्लड प्रेशर और कब्ज के बीच एक मजबूत संबंध पाया. हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित जिन व्यक्तियों को कब्ज की भी शिकायत थी, उनमें केवल हाई बीपी वाले लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का जोखिम 34% अधिक था. अध्ययन में केवल यूरोपीय लोगों के डेटा को देखा गया. हालांकि यह माना जा सकता है कि कब्ज और दिल के दौरे के बीच का संबंध अन्य आबादी पर भी लागू होता है.

एक जापानी अध्ययन में सामान्य आबादी में 45,000 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया. इसमें पाया गया कि जो लोग हर दो से तीन दिन में एक बार मल त्याग करते हैं उनमें हृदय रोग से मरने का जोखिम उन लोगों की तुलना में अधिक होता है जो दिन में कम से कम एक बार मल त्याग करते हैं. पुरानी कब्ज के कारण मल त्यागते समय जोर लगाना पड़ सकता है. इसके परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और ब्लड प्रेशर में वृद्धि हो सकती है. पुरानी कब्ज के लोगों को कई अन्य बीमारियों का खतरा भी ज्यादा होता है.

कब्ज से 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र की वैश्विक आबादी का लगभग 19% प्रभावित है. इसलिए आबादी के एक बड़े हिस्से में उनके आंत्र स्वास्थ्य के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ गया है. डाइट में बदलाव, नियमित फिजिकल एक्टिविटी, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और अगर जरूरी हो तो दवाओं के जरिए कब्ज को मैनेज किया जा सकता है और आंतों की फंक्शनिंग को बेहतर बनाया जा सकता है. इससे हार्ट डिजीज का खतरा कम किया जा सकता है.

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Tags: Health, Heart attack, Lifestyle, Trending news



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