Which tablet decrease sperm count: मर्द तभी मुकम्मल मर्द है जब उसका स्पर्म हेल्दी हो और ज्यादा है. अगर स्पर्म कम है या अनहेल्दी है या उसकी गतिशीलता कम है तो इससे मर्दानगी की पहचान संकट में आ जाएगी क्योंकि इस स्थिति में आपके पिता बनने की चाहत अधूरी रह सकती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस दवा को बीमारी ठीक करने के लिए खाते हैं, उनमें से कुछ दवाइयां स्पर्म की संख्या में घुन लगा सकती है. यूरोलॉजिस्ट डॉ. सारा विज बताती है कि कुछ लीगल दवाइयां भी स्पर्म के लिए ठीक नहीं है वहीं दूसरी और अवैध रूप से बाजार में कई ऐसी दवाइयां हैं जिनसे स्पर्म की संख्या कम हो सकती है.
इन दवाओं से स्पर्म कम
प्रोस्टेट की दवा- क्लीवलैंड क्लीनिक की डॉ. सारा विज कहती हैं कि कई दवाओं से स्पर्म पर असर पड़ सकता है. इनमें अल्फा ब्लॉकर दवा प्रमुख है. यह पेशाब से संबंधित दवा है जो आमतौर पर प्रोस्टेट के बड़ा होने पर इस्तेमाल किए जाते हैं. इस दवा से स्खलन के समय स्पर्म भी बहुत कम निकलता है. कभी-कभी तो ठीक से इजेकुलेशन भी नहीं होता है.
एंटीडिप्रेशन-डॉ. सारा के मुताबिक कुछ एंटी-डिप्रेशन की दवा से भी स्पर्म की संख्या कम हो सकती है. हालांकि जब लोगों को तनाव ज्यादा होता है और डिप्रेशन, एंग्जाइटी से जूझने लगते हैं तो यह दवा खाना जरूरी हो जाता है लेकिन लंबे समय तक खाने से इसका साइड इफेक्ट भी होता है. इसलिए यदि आप पिता बनने की प्लानिंग कर रहे हैं तो एंटीडिप्रेशन की दवा न खाएं.
कीमोथेरेपी-कैंसर की स्थिति में कीमोथेरेपी जरूरी है. कीमोथेरेपी की दवा कई साइड इफेक्ट्स को जन्म देती है लेकिन इसका कोई विकल्प नहीं है. कीमोथेरेपी की दवा से स्पर्म को प्रोडक्शन तेजी से कम होने लगता है. हालांकि कीमोथेरेपी के कुछ समय बाद स्पर्म फिर से बनने लगता है लेकिन कुछ लोगों में हमेशा के लिए स्पर्म बनना बंद हो जाता है. इसलिए कीमोथेरेपी कराते समय यदि आपकी उम्र कम है तो हमेशा डॉक्टरों के संपर्क में रहें.
नशीला पदार्थ-अफीम या अफीम से बने ड्रग्स स्पर्म प्रोडक्शन के लिए बहुत खतरनाक है. यह दवा अवैध रूप से बिकते हैं. अगर कोई लंबे समय तक इस ड्रग्स का इस्तेमाल करता है तो टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन बंद हो सकता है. टेस्टोस्टेरोन के कम बनने से स्पर्म भी कम बनता है और स्पर्म की गुणवत्ता भी कम होती है. यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि कितना खतरनाक डोज लिया जा रहा है.
केटोकोनाजोल-केटोकोनाजोल की दवा फंगल इंफेक्शन ठीक करने के लिए इस्तेमाल होती है. यह दवा खुजली की क्रीम में होती है या पाउडर में मिलाए जाते हैं. अगर आप इसकी क्रीम लगाते हैं तो इससे फर्टिलिटी पर असर नहीं होता है लेकिन अगर इसका टैबलेट आप खाते हैं तो यह स्पर्म प्रोडक्शन को कम कर सकता है.
5 अल्फा रिडक्शन इनहीबिटर्स- 5 अल्फा रिडक्शन इनहीबिटर्स दवा का प्रयोग हेयर लॉस ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है या बढ़े हुए प्रोस्टेट को ठीक करने के लिए किया जाता है. इसका सेवन करने से कुछ दिन स्पर्म प्रोडक्शन और लिविडो कम हो सकता है लेकिन दवा छोड़ने के बाद यह दोबारा शुरू हो जाता है लेकिन अगर आप इसे लंबे समय तक लेंगे तो इससे पिता बनने में दिक्कत हो सकती है.
अन्य दवाइयां-इन दवाओं के अलावा मिर्गी की दवा, एचआईवी की दवा, बैक्टीरियल इंफेक्शन के लिए कुछ एंटीबायोटिक, ब्लड प्रेशर की कुछ दवा, अल्सर ठीक करने वाली कुछ दवाइयां, गठिया की कुछ दवाइयां, कोलाइटिस की कुछ दवाइयों से भी स्पर्म का प्रोडक्शन कम हो जाता है.
स्पर्म बढ़ाने के फिर क्या है उपाय
क्लीवलैंड क्लीनिक की यूरोलॉजिस्ट डॉ. सारा विज कहती हैं कि इनमें से अधिकांश दवा खाना जब छोड़ देंगे तो अपने आप स्पर्म का प्रोडक्शन सामान्य हो जाएगा लेकिन लंबे समय तक आप इन दवाइयों का सेवन करेंगे तो इसका असर स्पर्म प्रोडक्शन पर हो सकता है.इसलिए यदि आप पिता बनने की प्लानिंग कर रहे हैं और इसमें देरी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाइए और उनसे कहिए मैं फलां-फलां दवा खाता हूं क्या इनमें से कोई दवा स्पर्म के लिए नुकसानदेह तो नहीं है.वहीं स्पर्म बढ़ाने के लिए नेचुरल चीजों का सेवन ज्यादा करें. इसके लिए अनार, ड्राई फ्रुट्स, लहसुन, चिया सीड्स, केला, पालक, पंपकिन सीड्स, टमाटर, मेथी, डार्क चॉकलेट, फैटी फिश आदि का सेवन करें.
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FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 21:02 IST