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sitamarhi news today in hindi: राजे सिंह बताते हैं कि इस तेल को रोज़ाना कम से कम 10 मिनट तक दर्द वाली जगह पर लगाने से मात्र दो दिन में फर्क नजर आने लगता है. यह तेल एक तरह से प्राकृतिक पेन किलर की तरह काम करता ह…और पढ़ें
जंगली प्याज
सीतामढ़ी: बाजार में आपने कई तरह के फल, फूल और वनस्पति देखे होंगे. इन सभी की अपनी खासियत होती है. ये सेहत को फायदा पहुंचाने के साथ ही तमाम बीमारियों में भी फायदेमंद होते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही अनोखी वनस्पति के बारे में बताने जा रहे हैं जो दिखने में हाथी के सूंड जैसी लगती है और दर्द भगाने के लिए बहुत उपयोगी है. इसे देखकर जल्दी कोई आसानी से पहचान भी नहीं पाएगा. यह कोई खाने की चीज नहीं, बल्कि दर्द मिटाने वाली एक जबरदस्त आयुर्वेदिक औषधि है.
सीतामढ़ी में राजे सिंह नाम के विक्रेता इसे आयुर्वेदिक दवा के रूप में बेच रहे हैं. राजे सिंह ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के रहने वाले हैं और इस खास जंगली प्याज को नेपाल के पहाड़ी इलाकों से लाते हैं. खास बात यह है कि यह प्याज सामान्य जमीन पर नहीं, बल्कि पत्थर पर उगती है और घने,दुर्गम जंगलों में ही मिलती है.
कहते हैं जंगली या जहरीली प्याज
उन्होंने बताया कि यह जहरीली होती है, लेकिन दर्द भगाने में रामबाण इस जंगली प्याज को खाया नहीं जाता. यह जहरीली होती है. इसकी कीमत करीब 800 रुपये प्रति किलो है लेकिन, राजे सिंह इस प्याज से एक खास तेल तैयार करते हैं जिसमें मेथी, लहसुन और अन्य आयुर्वेदिक तत्व मिलाकर उसे अच्छे से उबाला जाता है. यह तेल शरीर के किसी भी हिस्से के दर्द को दूर करने में बेहद असरदार माना जाता है. यह किसी भी तरह के पुराने दर्द, गठिया समेत अन्य दर्द को तुरंत खत्म कर देता है.
लोकज्ञान और अनुभव का मेल
राजे सिंह बताते हैं कि इस तेल को रोज़ाना कम से कम 10 मिनट तक दर्द वाली जगह पर लगाने से मात्र दो दिन में फर्क नजर आने लगता है. यह तेल एक तरह से प्राकृतिक पेन किलर की तरह काम करता है. राजे सिंह वर्षों से इस तेल को तैयार कर रहे हैं और इसे बेचते आ रहे हैं. बताया कि इनका यह खानदानी पेशा है. उनके मुताबिक, गांव-देहात और पहाड़ी इलाकों में लोग सालों से इस जंगली प्याज का उपयोग दर्द, सूजन और जोड़ के रोगों में करते आ रहे हैं. यह लोक परंपरा और आयुर्वेद का बेहतरीन मेल है.