15.5 C
Munich
Tuesday, October 1, 2024

BHU को 4 साल बाद मिली बड़ी कामयाबी, कोरोना को रोकने के लिए तैयार की आयुर्वेदिक दवाई, सरकार से मिला पेटेंट

Must read


वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के रिसर्चरों ने कोविड-19 से लड़ने के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मूलेशन तैयार किया है, जो इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. बीएचयू के सेंटर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स की टीम द्वारा विकसित इस नए आयुर्वेदिक फार्मूलेशन को भारत सरकार से पेटेंट भी मिल चुका है.

प्रोफेसर परिमल दास ने बताया कि इस आयुर्वेदिक फार्मूलेशन में अश्वगंधा और शहतूत के फाइटोमॉलिक्यूल्स का संयोजन किया गया है, जो SARS-CoV-2 वायरस की वृद्धि को 95% से अधिक रोकने में प्रभावी साबित हुआ है. यह फार्मूलेशन भविष्य में कोविड-19 के उपचार में काफी मददगार होगा. आयुर्वेदिक चिकित्सा में अश्वगंधा और शहतूत के औषधीय गुणों का उपयोग सदियों से किया जा रहा है.

चूहों के बाद होगा ह्यूमन ट्रायल
प्रोफेसर दास ने बताया कि शोध के अगले चरण में इस आयुर्वेदिक फार्मूलेशन का परीक्षण पहले चूहों पर किया जाएगा. इसके सफल होने पर इसे मानव शरीर पर भी क्लिनिकल ट्रायल के लिए तैयार किया जाएगा. कोविड-19 के समय से ही रिसर्चर्स इस पर काम कर रहे थे, और अब उन्हें सफलता मिली है.

रिसर्च टीम के प्रमुख सदस्य
इस रिसर्च में प्रोफेसर परिमल दास के साथ पीएचडी स्कॉलर प्रशांत रंजन, नेहा, चंद्रा देवी, डॉ. गरिमा जैन (MPDF), प्रशस्ति यादव (पीएचडी स्कॉलर), डॉ. चंदना बसु मलिक (वेलकम ट्रस्ट फेलो), और डॉ. भाग्यलक्ष्मी महापात्र (जूलॉजी विभाग, BHU) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह फार्मूलेशन न केवल कोविड-19 के इलाज में नया रास्ता दिखा सकता है, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रभावशाली उपयोग को भी वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने में मदद करेगा.

Tags: COVID 19, Local18



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article