दीक्षा/हल्द्वानी. शहरों के घरों में कुत्तों, बिल्लियों और अन्य प्रजाति के जानवरों को पालने का चलन बढ़ा है. इस शौक के साथ जानवरों के काटने के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई है. इनमें 70 प्रतिशत तक मामले कुत्तों और 30 प्रतिशत बिल्ली काटने के हैं. हल्द्वानी के बेस अस्पताल में रोजाना 150 मरीज रेबीज का टीका लगवाने आ रहे है.
अस्पताल के पीएमएस केके पांडे ने बताया की गर्मियां शुरु होते ही जानवरों के काटने के मामले बढ़ जाते है. मौसम में बदलाव आने के बाद पालतू जानवरों के व्यवहार में भी बदलाव हो रहा है. जिस कारण लोगों के लिए पालतू जानवर परेशानी का सबब बन चुके हैं. हर दिन लगभग 150 लोग पालतू जानवरों के काटने का शिकार हो रहे हैं. लगभग 120-130 लोग कुत्तों के काटने का शिकार हुए है. उन्होंने बताया की अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में रेबीज के इंजेक्शन और अन्य दवाएं उपल्बध हैं.
इन कारणों से पालतू जानवर हो रहे आक्रामक
पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके पाठक ने बताया कि मनुष्य की तुलना में कुत्तों के शरीर का तापमान अधिक होता है. मनुष्य अपने शरीर से पसीना बहाकर गर्मी से निजात पा लेते हैं, लेकिन जानवरों की त्वचा में स्वेट ग्लैंड्स नहीं होते हैं. जिससे वे पसीने के रूप में शरीर की गर्मी को बाहर नहीं निकाल पाते. इससे वे चिड़चिड़े, बीमार व आक्रामक हो जाते हैं. ऐसे में, उन्हें छेड़ने पर वे काटने को आते हैं. ज्यादातर लोग अपने पालतू जानवरों जैसे कुत्ता, बिल्ली को नियमित वैक्सिन लगवाते हैं, लेकिन सड़क के आवारा कुत्ते ज्यादा खतरनाक होते हैं. तो हमें उनसे बचकर चलना चाहिए.
खान-पान का रखें विशेष ध्यान
डॉ. आरके पाठक ने बताया कि गर्मियों में कुत्ते बेहद कम खाते हैं, इसलिए उन्हें संतुलित आहार देना चाहिए. उनके पास पीने का पानी हमेशा रखें. ज्यादा गर्मी होने पर दिन में एक से दो बार ग्लूकोज देना चाहिए. उन्हें छायादार स्थान में रखना चाहिए. ज्यादा हांफने पर उसके शरीर को गीले कपड़े से साफ करें. उन्हें सुबह या शाम को ही बाहर घुमाएं. यदि वे थकान महसूस करें तो उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
काटने पर तुरंत यह करें काम
डॉ. आरके पाठक ने बताया कि अगर कुत्ते ने आपको काट लिया है तो :
⦁ सबसे पहले जख्म को क्लीन करें.
⦁ उसके बाद 10 से 15 मिनट तक उसे एंटीसेप्टिक सोप और पानी से अच्छी तरह से धोएं, ताकि बैक्टीरियल इंफेक्शन का जोखिम कम हो जाए.
⦁ घाव को क्लीन करने के बाद उस पर एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन को लगाएं.
⦁ अगर जख्म को धोने के बाद भी खून बंद नहीं हो रहा है, तो उसे किसी कपड़े की मदद से रोकने का प्रयास करें.
⦁ उसके बाद तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और टिटनेस व एंटी रेबीज का इंजेक्शन जरुर लगावएं.
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FIRST PUBLISHED : May 3, 2024, 14:05 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.