एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को अब वर्ल्ड क्लास सुविधा मिलने जा रही है. पहले से ही ट्रॉमा सर्जरी में भारत में सबसे बेहतर काम करने वाले एम्स ट्रॉमा सेंटर में अब मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटरों में सर्जरी की जाएगी. मॉडर्न तकनीक को सुप्रीम लेवल पर इस्तेमाल करते हुए शुरू किए गए इन मॉड्यूलर ओटी में अब कम समय में पहले से ज्यादा सर्जरी की जा सकेंगी.
एम्स ट्रॉमा सेंटर के चीफ डॉ. कामरान फारुक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ साल में एम्स ट्रॉमा सेंटर में 100 बेड जोड़े गए हैं, जिसके बाद ट्रॉमा सेंटर में बेडों की संख्या 259 हो गई है. वहीं इमरजेंसी सेवाओं का भी विस्तार किया गया है, लेकिन इसके बावजूद सबसे ज्यादा रुकावट ऑपरेशन थिएटरों की कम संख्या बन रही थी, ऐसे में मरीजों को सर्जरी के लिए इंतजार करना पड़ता था.
ये भी पढ़ें
तुरंत बंद कर दें मॉर्निंग वॉक! डॉक्टर ने दी वॉर्निंग, टहलने का है मन तो ये है सही समय
हालांकि अब जेपीएनएटीसी में आधुनिक सुविधाओं से लैस 5 नए मॉड्यूलर ओटी खुलने से यहां कुल ऑपरेशन थिएटरों की संख्या 11 हो गई है. लिहाजा मॉड्यूलर ओटी खुलने से अब यहां हर महीने करीब 2500 सर्जरीज की जा सकेंगी. इससे पहले यहां करीब 1500 सर्जरीज हर महीने होती थीं.
ये हैं इन ओटी में सुविधाएं
. ये ऑपरेशन थिएटर 58-72 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैले हैं. इनमें सभी में मल्टीस्पेशलिटी केसेस को हैंडल किया जा सकता है. इन ऑपरेशन थिएटर्स में ऑर्गन रिट्रीवल केसेज आसानी से किए जा सकते हैं.
. इनमें एक ओटी 72 वर्ग मीटर का है जो रेडियोसेफ है और ओ-आर्म इन्ट्रा-ओपी सीटी के लिए उपयुक्त है.
. यह ऑपरेशन थिएटर पूरी तरह से इंटीग्रेटेड है यानि यहां सर्जरी को सीधे डेमो रूम, लेक्चर थिएटर या दुनिया में कहीं भी प्रसारित किया जा सकेगा. इससे मेडिकल छात्रों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण मिल सकेगा.
. इसमें लैमिनर फ्लो एसी सिस्टम है ताकि ऑपरेशन थिएटर में संक्रमण को कम किया जा सके.
. इन ओटी की दीवारें और फर्श सीमलेस हैं, जिससे आसानी से सफाई की जा सकती है. साथ ही ऑपरेशन थिएटर कॉम्प्लेक्स में धूल या माइक्रोबियल जमाव नहीं होता है.
. यहां स्टाफ के चेंज रूम और स्टोरेज स्पेस के लिए पर्याप्त जगह मौजूद है.
मरीजों को लाइन से मिलेगी राहत
बता दें कि एम्स के ट्रॉमा सेंटर में गंभीर मरीजों की भारी भीड़ के चलते सर्जरी के लिए वेटिंग लाइन काफी लंबी होती रही है लेकिन अब लगभग दोगुनी सर्जरी होने की सुविधा शुरू होने से मरीजों को जल्दी इलाज मिल सकेगा.
ये भी पढ़ें
क्या एयर प्यूरीफायर सच में प्रदूषण से बचाता है, कितने घंटे चलाना है जरूरी? WHO से जुड़े डॉ. ने दिया जवाब
Tags: Aiims delhi, Delhi AIIMS, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 13:58 IST