कन्नौज: इत्र नगरी कन्नौज में इत्र के साथ-साथ हिमालय की तमाम जड़ी बूटियां से एसेंशियल ऑयल भी बनता है. यह ऑयल इत्र और आयुर्वेदिक दवाओं में बड़े पैमाने पर प्रयोग में आता है. ऐसा ही एक खास इत्र और एसेंशियल ऑयल है जिसका नाम नागर मोथा है. यह इत्र नगरी का एकमात्र ऐसा इत्र है जिसकी डिमांड पूरे विश्व में रहती है. इसकी खुशबू वुडी नोट जैसी होती है. इसकी सबसे ज्यादा डिमांड इसके औषधीय गुण के कारण होती है. इसकी खुशबू भी लोगों को बहुत पसंद आती है.
कहां होती पैदावार
नागर मोथा की बात करें तो यह एक तरह का हिमालय हर्ब जैसा होता है. यह उत्तराखंड, एमपी, बंगाल सहित पहाड़ी क्षेत्र में होता है. यह दलदली जैसी जमीन पर जड़ जैसा होता है. यह एक तरह की जड़ी बूटी होती है जिसका इत्र कन्नौज में निकाला जाता है. इसकी खुशबू ऊद से मिलती जुलती रहती है.
किन किन चीजों में होता प्रयोग
नागर मोथा के तेल का यूज पेन रिलीफ से जुड़े जितने भी प्रोडक्ट होते हैं उनमें होता है. इसकी तासीर गर्म होती है और इसके अंदर नेचुरल गुण होते हैं. जिस कारण यह घुटनों से संबंधित समस्या में बहुत ज्यादा लाभकारी होता है.
कितने व्यापारी बनाते हैं यह ऑयल
नागर मोथा इत्र को बनाने का समय नवंबर माह में शुरू होता है. दीपावली के बाद से कन्नौज के लगभग 80% इत्र व्यापारी नागर मोथा का इत्र जरूर बनाते हैं क्योंकि इसकी डिमांड सबसे ज्यादा रहती है.
स्पेशल डेग में होता तैयार
नागर मोथा इत्र स्पेशल डेगों में तैयार होता है. इन डेग को वर्टिकल डेग कहते हैं. इसको पहले सुखाया जाता है फिर पीसा जाता है. वर्टिकल डेग में यह एक बार में 500 से 600 किलो आ जाता है. साधारण डेग अधिकतम 100 किलो ही रहता है जिस कारण इसको वर्टिकल डेग में बनाया जाता है. इसको बनाने का तरीका अन्य इत्रों की अपेक्षा थोड़ा सा अलग रहता है.
क्या रहता है रेट
इसके रेट की बात की जाए तो 18,000 रुपए किलो से शुरू होकर 24,000 किलो तक इसका रेट रहता है. किस तरह और कितनी मात्रा में जड़ों का प्रयोग इत्र बनाने में किया गया है इसके ऊपर भी इसका रेट निर्भर करता है.
क्या बोले इत्र व्यापारी
इत्र व्यापारी निशीष तिवारी बताते हैं कि नागर मोथा एक ऐसी जड़ी-बूटी होती है जिसका प्रयोग इत्र बनाने के साथ-साथ इसके एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल दवाइयों और आयुर्वेद में भी किया जाता है. नागर मोथा दलदलीय इलाकों में ज्यादा होती है. यह एक हिमालय हर्ब होती है. नागर मोथा इत्र की डिमांड पूरे विश्व में बहुत ज्यादा होती है. इसकी खुशबू वूडी इत्र के तरीके लगती है. नागर मोथा के एसेंशियल ऑयल से कई तरह के पेन रिलीफ तेल तैयार किए जाते हैं. इस इत्र को तैयार करने के लिए अलग प्रकार की डेग भी प्रयोग किया जाता है जिसे वर्टिकल डेग कहते हैं. सर्दियों के मौसम में इस इत्र की डिमांड और बिक्री जमकर रहती है.
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 19:05 IST