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Wednesday, June 26, 2024

कमाल की आयुर्वेदिक हर्ब है ये बेल, नाम में ही छिपा है मर्ज का इलाज, हड्डियों को बनाएं फौलाद! जानें कई और लाभ

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Hadjod health benefits: आजकल की अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान बहुत कष्टकारी साबित हो रहा है. तमाम ऐसी बीमारियां हैं, जो शरीर को बीमारियों का घर बना रही हैं. हड्डियों का कमजोर होना इनमें से एक है. कभी ये बीमारी उम्रदराज लोगों को होती थी, लेकिन आज के समय में ये कम उम्र के लोगों में भी देखी जाती है. हड्डियां कमजोर होने से इनके टूटने या अपनी जगह से खिसकने का जोखिम बढ़ जाता है. इससे निजात पाने के लिए लोग तमाम महंगी दवाओं का सेवन करते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हड्डियों की इस परेशानी को दूर करने के लिए एक जड़ी-बूटी भी कारगर हो सकती है.

जी हां, इस आयुर्वेदिक हर्ब का नाम है हड़जोड़. आयुर्वेद में हड़जोड़ को ‘अस्थिसंहार’ के नाम से भी जाना जाता है. यह एक तरह की बेल या क्रीपर है. इसकी पत्तियां और ठंडल का सेवन औषधि के तौर पर किया जा सकता है. ये हड्डियों को गर्माहट देकर जॉइंट पेन की समस्या से निजात दिला सकती है. साथ ही, हड़जोड़ हड्डियों को जोड़ने के काम भी आ सकती है. हड़जोड़ से होने वाले लाभों और उपयोग के तरीकों को News18 को बता रही हैं राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय लखनऊ की डॉ. शची श्रीवास्तव-

इन बीमारियों में लाभकारी है हड़जोड़

डॉ. शची श्रीवास्तव के मुताबिक, हड़जोड़ हड्डियों को जोड़ने के अलावा भी कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाने में सक्षम हो सकती है. बता दें कि, इस औषधि को अस्थि संहार के रूप में जाना जाता है. यह हड्डी को जोड़ने, पेट की समस्या, बवासीर, ल्युकोरिया, मोच, अल्सर, श्वास रोग, गठिया का दर्द, रीड की हड्डी का दर्द, ब्लीडिंग और सूजन में काफी लाभकारी होती है.

डाइजेशन बूस्ट भी करती है ये जड़ी-बूटी

ओवर इटिंग की वजह से लोगों को पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. इसमें एसिडिटी, अपच, कब्ज और पेट में गैस बनने जैसी कई समस्याएं शामिल हैं. इन सभी समस्याओं से राहत पाने के लिए आप हड़जोड़ की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं.

हड़जोड़ का उपयोग करने का तरीका

यह औषधि काफी उपयोगी और लाभकारी है. इसका जड़, तना और पत्तियां औषधि है. किसी भी प्रकार का दर्द हो इन पत्तियों को गर्म करके सिकाई करने से ठीक हो जाते हैं. इसके प्रयोग की बात करें तो तना को पीस करके उसका लेप लगाया जा सकता है. आप चाहें तो उसके स्वरस को निकाल करके घी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है. इसके 2 से 5 ग्राम चूर्ण को दूध के साथ लेने से 15 दिन के अंदर टूटी हड्डियां जुड़ सकती हैं.

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चिकित्सकीय परामर्श जरूरी

किसी भी परेशामी में इस औषधि को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है. इसलिए इसका कितना और कैसे यूज करना है इसके लिए एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. बता दें कि, इसके ज्यादा सेवन से दस्त, सर दर्द, नींद की समस्या और दिल की धड़कन तेज होने की समस्या होने की आशंका बढ़ सकती है.



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