Simple Ways To Reduce Cholesterol Quickly: कोलेस्ट्रॉल बढ़ना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. गलत लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खान-पान की वजह से लाखों की तादाद में लोग कम उम्र में ही हाई कोलेस्ट्रॉल का शिकार हो रहे हैं. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, जिसकी वजह से अधिकतर लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल का सही समय पर पता नहीं लग पाता है. कई बार तो लोगों को इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक भी आ जाता है. कई बार लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर दवा दी जाती है, लेकिन उसका ज्यादा असर नहीं होता है. ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे कमाल कर सकते हैं.
यूपी के अलीगढ़ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सरोज गौतम ने News18 को बताया कि कोलेस्ट्रॉल हमारे खून में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ होता है. शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल 100mg/dL से कम होना चाहिए, जबकि गुड कोलेस्ट्रॉल 50mg/dL या इससे ज्यादा होना चाहिए. अगर शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो यह नसों में जमा हो जाता है और हार्ट व ब्रेन को सप्लाई होने वाले खून को रोकने लगता है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक की कंडीशन पैदा होने लगती है. ऐसे में इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है.
डॉक्टर सरोज गौतम ने बताया कि आयुर्वेद में कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के कुछ असरदार तरीके बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है. आयुर्वेद में अलसी के बीज, दालचीनी और लहसुन को शरीर में जमे गंदे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में लाभकारी माना गया है. अलसी के बीजों का पाउडर बनाकर सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच लिया जाए, तो कोलेस्ट्रॉल तेजी से कम हो सकता है. इसके अलावा दालचीनी मसाले को एक चुटकी खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से भी गंदा कोलेस्ट्रॉल तेजी से कम हो सकता है.
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की मानें तो कच्चे लहसुन की 3-4 कलियों को खाली पेट खाने से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिल सकती है. अगर लहसुन को कच्चा न खाया जा सके, तो इसे भूनकर शहद में मिलाकर भी खा सकते हैं. इससे सेहत को गजब के फायदे मिल सकते हैं. लहसुन, अलसी के बीज और दालचीनी तीनों को ही सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जा सकता है, क्योंकि इनमें पोषक तत्वों का भंडार होता है. अलसी के बीज फाइबर का खजाना होते हैं और इनका सेवन करने से डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त किया जा सकता है. लहसुन को डाइजेशन और इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर माना जाता है.
डॉक्टर सरोज का कहना है कि हाई कोलेस्ट्रॉल के जिन मरीजों को डॉक्टर्स ने स्टैटिन लेने की सलाह दी है, वे भी इन नुस्खों को अपना सकते हैं. हालांकि इन नुस्खों को दवा के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल न करें. इन नुस्खों को दवा के साथ अपनाया जा सकता है. आयुर्वेदिक चीजों के साइड इफेक्ट न के बराबर होते हैं और इसलिए आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाने से नुकसान होने का खतरा नहीं है. हेल्दी लोग भी नियमित तौर पर अलसी के बीजों का सेवन कर सकते हैं. इससे उनकी ओवरऑल हेल्थ को बेहतरीन फायदे मिल सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 09:43 IST