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Tuesday, November 19, 2024

कुमारी सैलजा की नाराजगी हो गई दूर, 26 को उतरेंगी चुनावी मैदान में

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हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद से पार्टी उम्मीदवारों के प्रचार से दूरी बनाने वाली कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी दूर होने के संकेत मिल रहे हैं। दलित नेता सैलजा के चुनावी परिदृश्य से गायब रहने को लेकर कांग्रेस पर भाजपा लगातार निशाना साध रही थी। सैलजा की नाराजगी दूर होने के संकेत इस बात से मिल रहे हैं कि पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को कहा कि वह 26 सितंबर को नरवाना में चुनावी सभा को संबोधित करेंगी। सैलजा कांग्रेस में प्रमुख दलित चेहरा मानी जाती हैं और चुनाव में उनके सक्रिय न होने से माना जा रहा था कि पार्टी को दलित वोटों का नुकसान हो सकता था। दूसरी ओर भाजपा को कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह को लेकर हमला बोलने का मौका मिल रहा था।

सुरजेवाला ने सोमवार को एक्स पर लिखा, ‘आज नरवाना में कांग्रेस प्रत्याशी सतबीर दबलैन के लिए 22 जनसभाओं को संबोधित करूंगा। पूरे जिले व हरियाणा में कांग्रेस की जीत का परचम फहराएंगे। सांसद व बड़ी बहन कुमारी सैलजा भी नरवाना में 26 तारीख को 12 बजे जनसभा को संबोधित करेंगी व कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगी।’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जी के नेतृत्व में कांग्रेस लड़ेगी, जीतेगी व हरियाणा के सपनों को साकार करेगी।

किस बात से नाराज थीं कुमारी सैलजा

माना जा रहा है कि सैलजा इस बात से नाराज हैं कि पार्टी ने उनके धुर विरोधी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को टिकट वितरण में खुली छूट दे दी, क्योंकि टिकट पाने वाले ज्यादातर उम्मीदवार हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। राज्य की 17 आरक्षित (एससी) सीटों में से अधिकतर पर हुड्डा के वफादारों को ही टिकट मिला है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा का सिरसा, अंबाला और हिसार समेत कई जिलों में अच्छा जनाधार है।

कई भाजपा नेता सैलजा के कथित अपमान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। हरियाणा में आगामी 5 अक्टूबर को मतदान होने जा रहा है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। ऐसे में सत्तारूढ़ भाजपा दलित नेता के चुनाव प्रचार से दूर रहने को लेकर कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रही है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर लाल खट्टर ने सैलजा को अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की राज्य इकाई में कथित अंदरूनी कलह की ओर भी इशारा किया था।

नाराजगी की अटकलों को कैसे मिली हवा

कुमारी सैलजा इस चुनाव में आखिरी बार 11 सितंबर को पार्टी उम्मीदवारों शमशेर सिंह गोगी और शैली चौधरी के समर्थन में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुई थीं। सैलजा दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की ओर से ‘गारंटी’ जारी किए जाने के मौके पर भी उपस्थित नहीं थीं। पार्टी के एक नेता का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में किसी पद पर नहीं हैं। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति को लेकर सवाल खड़े किए जाने का कोई मतलब नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पार्टी की ओर से गारंटी जारी किए जाने के अवसर पर रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद नहीं थे। ऐसे में सैलजा के मौजूद नहीं रहने को लेकर सवाल खड़े किए जाने का कोई अर्थ नहीं है।’ कुछ दिनों पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरी अच्छी दोस्त सैलजा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है, न ही हुड्डा ने सैलजा के खिलाफ एक शब्द कहा है। इसलिए हम एक एकजुट पार्टी हैं। हम इस चुनाव को एकजुट होकर लड़ेंगे।’



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