गुजरात में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। गुजरात में बीते दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण कई हिस्से जलमग्न हैं और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। मौसम विभाग ने गुजरात में अगले 2-3 दिनों तक भारी से लेकर बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। खासकर अगले 24 घंटे के दौरान राज्य के कई इलाकों में भारी से ज्यादा भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए राज्य के सभी प्राइमरी स्कूलों में छुटी घोषित कर दी गई है। राज्य के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पनसेरिया ने बताया कि सूबे के सभी प्राथमिक विद्यालय मंगलवार को बंद रहेंगे।
NDRF और एसडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 13 टीमें और एसडीआरएफ की 22 टीमें तैनात हैं। एनडीआरएफ ने वलसाड में राहत और बचाव अभियान चलाया है। NDRF की टीम ने वलसाड में एक गर्भवती महिला को बचाया। राज्य में अब तक 17,827 लोगों को जलमग्न इलाकों से निकाला गया है। यही नहीं बढ़ में बुरी तरह फंसे 1,653 लोग बचाए गए हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भारी बारिश के प्रभाव का आकलन करने के लिए सोमवार को गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने जिला कलेक्टरों और नगर आयुक्तों को निर्देश दिया कि सरकार की पहली प्राथमिकता जान-माल की हानि को रोकना होनी चाहिए। सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि जब पानी खतरनाक तरीके से बह रहा हो तो कोई भी नदी या सड़कों को पार ना करे। इसे सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस को तैनात किया जाना चाहिए।
अधिकारियों ने बताया कि सरदार सरोवर बांध से नर्मदा नदी में करीब 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नर्मदा के ऊपर मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर बांध से भारी मात्रा में पानी आने के बाद यह कदम उठाया गया है। नर्मदा जिले में केवड़िया के पास स्थित बांध में 3.68 लाख क्यूसेक (क्यूबिक फीट प्रति सेकंड) पानी आ रहा है और नदी में 3.95 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बांध के 30 गेटों में से 23 गेट 2.2 मीटर की ऊंचाई तक खुले हैं। नर्मदा जिले के नांदोद, गरुड़ेश्वर और तिलकवाड़ा तालुका के 28 गांवों में लोगों को नदी के किनारे जाने से बचने को कहा गया है।