गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के नोएडा में बना वेदवन पार्क किसी पहचान का मोहताज नहीं है. वेदवन पार्क सप्तऋषियों से जुड़ा एक बेहद ही खूबसूरत पार्क है. इसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं. मगर, अब माता-पिता को घुमाने का प्लान बना रहे हैं, तो इस बार नोएडा नहीं गाजियाबाद में स्थित पार्क में ले जाना. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने तीन थीम आधारित पार्क तैयार करने के लिए प्रस्ताव जारी किया था, जिस पर योगी सरकार ने मुहर लगा दी.
सरकार बनाएगी रामायण पार्क
राज्य सरकार ने धार्मिक पर्यटन में लोगों के बढ़ते रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के गाजियाबाद शहर में पार्क बनाने का फैसला लिया है. सरकार रामायण पार्क बनाएगी. रामायण पर आधारित थीम वाला एक पार्क जीडीए की कोयल एन्क्लेव हाउसिंग स्कीम में 22,700 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा.
मंद-मंद मुस्कुरा रही थी साली, कर रही थी शरारत, पलक झपकते ही जीजा ने कर दिया ऐसा काम, हो गए वायरल
वहीं दो अन्य पार्क हैं संस्कृति दर्शन पार्क, जिसे इंदिरापुरम के हाथी पार्क/रानी अवंती बाई पार्क में 10.3 एकड़ की साइट पर विकसित किया जाएगा और ग्रीनवुड पार्क, जिसे इंदिरापुरम में ही निम्बू पार्क में 3.95 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा. इन तीनों पर अप्रैल में काम शुरू हो जाएगा.
तीनों पार्कों के लिए आरएफपी मंगाया
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा, ‘हमने तीनों पार्कों के लिए आरएफपी मंगाया है और अगले एक-दो सप्ताह में काम शुरू कर देंगे. कम से कम 75% फंड जीडीए द्वारा निवेश किया जाएगा, जबकि बाकी एक निजी एजेंसी द्वारा वहन किया जाएगा. थीम वाले क्षेत्रों में प्रवेश के लिए टिकट लगेगा और जीडीए टिकट लगाने की निगरानी करेगा.
टाइट सूट पहन दिखी ‘मुस्कान बेबी’, उछल- उछलकर नाची, दिखाया कातिलाना अंदाज, बेकाबू हुई भीड़
यह होगी खासियत
उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अधिकारियों ने कहा कि रामायण पार्क के लिए मास्टर प्लान को पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है. मास्टर प्लान के मुताबिक यहां रामायण काल के पात्रों की 15 कलाकृतियों समेत 45 कलाकृतियों की स्थापना तथा मल्टीमीडिया प्रौद्योगिकी, मनोरंजन तत्वों, शीशा घर यानी मिरर भूलभुलैया, होलोग्राफिक प्रोजेक्शन, मोशन चेयर 5D थिएटर तथा किड्स एक्टिविटी एरिया जैसी सुविधाओं का विकास किया जाएगा. पार्क में एंट्री टिकट फीस, पार्किंग फीस, एडवर्टाइजमेंट, शीशा घर तथा मोशन चेयर 5D ऑडिटोरियम से होने वाली कमाई के जरिए जीडीए के राजस्व में भी वृद्धि होगी. इन सभी कामों को एक साल का समय रखा गया है. इसी समय में पूरा काम करने का लक्ष्य रखा गया है.