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Monday, October 21, 2024

नेम और फेम की चाहत खींच ले जाती है मुंबई, अब थिएटर नहीं करना चाहते युवा

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Ghaziabad: थिएटर के माध्यम से एक्टिंग के गुर सीखने वाले आर्टिस्ट अब सीधे फिल्मों में काम करने की चाहत रखते हैं. फिल्मों का ग्लैमर और फेम उनके लिए इतना आकर्षक हो गया है कि वे थिएटर और नाटकों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं. इस ट्रेंड पर डायरेक्टर अरविंद सिंह ने बताया कि युवा कलाकार थिएटर या नाटक में काम करने के बजाय मुंबई जाकर फिल्मों में सीधे कदम रखना चाहते हैं.

मुंबई का ग्लैमर बना आकर्षण का केंद्र
लोकल 18 से बातचीत में डायरेक्टर अरविंद सिंह ने बताया कि आज का युवा फिल्मों में तुरंत सफलता हासिल करना चाहता है. इस कारण वे थिएटर में प्रशिक्षण लेने के बजाय सीधे मुंबई पहुंच जाते हैं. उनका मानना है कि थिएटर में काम करने का मतलब समय और मेहनत दोनों का निवेश है, जबकि फिल्मों में सीधे कदम रखने से कम समय में ग्लैमर और पैसा हासिल किया जा सकता है. यही कारण है कि बहुत से युवा आर्टिस्ट थिएटर की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं.

थिएटर से मिलता है सशक्त अभिनय का अनुभव
उन्होंने आगे बताया कि फिल्मों में सफलता हासिल करने के लिए थिएटर का अनुभव बहुत महत्वपूर्ण होता है. थिएटर आपको न केवल अभिनय के बेसिक्स सिखाता है, बल्कि यह आपको मंच पर परफॉर्म करने का आत्मविश्वास भी देता है. बड़े-बड़े फिल्म स्टार्स की शुरुआत भी थिएटर से ही हुई है.
अरविंद कहते हैं कि जब युवा कलाकारों को मुंबई में सफलता नहीं मिलती है, तब वे अपने शहरों में लौटकर थिएटर की ओर रुख करते हैं. यहां वे अपनी स्किल्स को सुधारने के लिए प्रैक्टिस करते हैं और फिर से करियर को दिशा देने का प्रयास करते हैं.

थिएटर छोड़ना हो सकता है नुकसानदायक
डायरेक्टर अरविंद सिंह ने सलाह दी कि अगर कलाकार पहले थिएटर में खुद को स्थापित करते हैं तो फिल्मों में उनकी सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. उनके मुताबिक थिएटर कलाकार को सशक्त आधार देता है और आपको एक संपूर्ण कलाकार बनाता है. हालांकि आज के समय में आर्टिस्ट जल्दी सफलता पाने के लिए सीधे मुंबई का रुख कर लेते हैं.

FIRST PUBLISHED : October 19, 2024, 09:22 IST



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