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Friday, September 20, 2024

Video: न कोई फरमान और न ही धमकी, फिर क्यों नेम प्लेट लगा रहे बिहार के दुकनदार?

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हाइलाइट्स

देवघर में जल चढ़ाने के बाद बोधगया पहुंचते हैं कांवड़िये. बोधगया के दुकानदारों ने की आपसी सौहार्द की मिसाल. बोधगया के दुकानदारों ने अपनी दुकानों में लगाए नेम प्लेट.

गया. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अपनी दुकानों के आगे नेम प्लेट लगाए जाने के आदेश के बाद अब बिहार में भी दुकानदार अपने आगे नेम प्लेट लिख रहे हैं. बोधगया में भी कई फल दुकानदारों ने अपने दुकान के आगे नेम प्लेट लगना शुरू कर दिया है, ताकि लोग अपने मन के मुताबिक दुकानदार के पास जाकर फल व अन्य सामानों को खरीद सकें. इस मामले में खास बात यह है कि कोई शासनादेश नहीं आया है, बल्कि यहां के स्थानीय दुकानदारों ने स्वेच्छा से यह तय किया है ताकि कांवड़िये अपनी श्रद्धा के अनुसार, जिस दुकान से चाहें वहां से अपने सामान खरीद सकें.

दरअसल, सोमवार से सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है और ऐसे में बड़ी संख्या में कांवड़िये देवघर में जल चढ़ाने के बाद बोधगया भी पहुंचते हैं और महाबोधि मंदिर में दर्शन व पूजा करते हैं. ऐसे में सावन में खानपान को लेकर कांवड़िये काफी सजग रहते हैं. कांवड़ियों को सही फल व और खाने की सामग्री मिल जाए, इसको लेकर बोधगया के दुकानदारों ने अपने दुकानों में अपने नेम प्लेट भी लगा रखे हैं ताकि अपने मन मुताबिक फल व सामग्री खरीद सकें. दुकानदारों का भी कहना है कि इसमें कोई भेदभाव नहीं है.

शासन का आदेश नहीं स्वेच्छा से लगाए नेम प्लेट
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान कांवडियों की शुद्धता को बरकरार रखने के उद्देश्य से कांवड़ यात्रा वाले रूट की सभी खाने-पीने की दुकानों पर दुकानदारों को अपना नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया है. लेकिन, योगी सरकार के इस आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत में विवाद छिड़ गया है. लेकिन, इसी बीच बिहार में भी अब दुकानदार अपनी दुकानों पर नेम प्लेट लगा रहे हैं. खास बात यह है कि यह कोई शासनादेश नहीं है बल्कि दुकानदारों ने स्वेच्छा से ऐसा किया है.

गया के लोगों ने सौहार्द की मिसाल कायम की
बोधगया के स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, ऐसा करने से कोई भेदभाव नहीं हो रहा है बल्कि इससे यहां के दुकानदारों ने आपसी सौहार्द की मिसाल कायम की है. यहां पर हिंदू और मुस्लिम दुकानदारों ने अपनी स्वेच्छा से फल की दुकानों के आगे अपना नेम प्लेट लगा रखे हैं. यहां के स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि कुछ फल दुकानदर तो अपनी फल दुकान का नाम 20 वर्षो से लिख रखे हैं. स्थानीय फल दुकानदरों ने बताया कि सभी धर्मो के लोग उनकी दुकानों से खरीदारी करने आ रहे हैं और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है.

दुकानदारों ने बताया गया में कोई भेदभाव नहीं
बोधगया के एक फल दुकानदार बज्जू मालाकार ने बताया कि यहां पर देश और विदेश के भी ग्राहकों साथ-साथ सावन महीने में बड़ी संख्या में कांवरिया आते हैं. यहां किसी तरह का भेदभाव नहीं है. बोधगया में तो पूरे विश्व के लोग आते हैं और अभी सावन महीना शुरू हो रहा है तो कांवरिया भी आएंगे. बज्जू ने कहा कि ऐसे भी पहचान के लिए नेम प्लेट लगाना ही चाहिए, इसमें कोई हर्ज नहीं है. वहीं, पंकज कुमार ने बताया कि दुकानों में नेम प्लेट तो जरूर होना चाहिए, ताकि किसी तरह की बात हो तो उसकी पहचान हो सके.

दुकानदारों की इस पहल की हो रही सराहना
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि नेम प्लेट लगाने से किसी भी तरह की गड़बड़ नहीं होगी. यहां बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री लोग आते हैं और वह अपनी श्रद्धा के मुताबिक दुकानों का चयन करने का अधिकार रखते हैं. बोधगया हिन्दू और बौद्ध धर्म दोनों का आस्था का केंद्र है और नेम प्लेट से यहां किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होगा. स्थानीय लोग भी कहते हैं कि बोधगया का इतिहास रहा है की यहां सभी धर्म के लोग एक साथ रहते हैं और एक-दूसरे से कोई भेदभाव नहीं रखते हैं और बोधगया के दुकानदारों ने अच्छी पहल की है.

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