फर्रुखाबाद: कृषि प्रधान देश में जहां एक ओर किसानों के सामने उत्पादन बढ़ाने की चुनौती है. वहीं दूसरी ओर तैयार फसल को रोगों से बचाना भी किसी मिशन से कम नहीं है. ऐसे में किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कृषि विभाग ने ऐसा काम शुरू किया है जिससे किसानों को घर बैठे मदद मिलेगी, बस उन्हें ये काम करना होगा.
ठंड से बढ़ गए रोग
सर्दी के मौसम में लगातार गिरते तापमान और खेतों में बढ़ती नमी ने आलू और सरसों की फसलों में पौधों में फफूंद जनित रोगों और कीटों के प्रकोप को बढ़ा दिया है. ऐसे में फर्रुखाबाद के कृषि रक्षा विभाग ने किसानों को अलर्ट करते हुए अपनी फसलों की नियमित निगरानी के साथ ही उचित प्रबंधन करने की भी बात कही है. इसी क्रम में किसानों को मदद के लिए फोन नंबर के साथ ही वाट्सअप नंबर और मोबाइल एप पर भी हर समय समाधान उपलब्ध कराया जायेगा.
नोट कर लें नंबर
ऐसे में फर्रुखाबाद के कृषि रक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि किसान कोई भी फसल में कीट और रोग नियंत्रण की अधिक जानकारी के लिए तुरंत कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों, विकास खंड स्तर की कृषि रक्षा इकाई से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा मोबाइल नंबर 9452247111 और 9452257111 पर भी कॉन्टैक्ट कर सकते हैं. एनपीएसएस ऐप के जरिए भी समस्याओं का तुरंत निदान प्राप्त कर सकेंगे.
इनका करते हैं प्रयोग
लोकल18 को कृषि रक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि आलू की फसल में माहू और थ्रिप्स जैसे कीटों का प्रकोप रोकने के लिए एजाडिरैक्टिन जिसे नीम आयल भी कहते हैं डाला जाता है. ये 0.15 प्रतिशत की 2 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. साथ ही रासायनिक नियंत्रण के लिए डाइमेथोएट 30 प्रतिशत को 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए.
आलू में झुलसा तो ऐसे करें बचाव
इस समय आलू में अगेती और पिछेती दोनों फसलों में झुलसा रोग भी एक गंभीर समस्या बन गई है. ऐसे में झुलसा रोग में पत्तियों और तनों पर काले, भूरे धब्बों के नीचे फफूंद की परत बनती रहती है. ऐसे में इनके नियंत्रण के लिए मैंकोजेब 75 प्रतिशत की 2.5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए.
सरसों की फसल के लिए ये कारगर विधि
जिले के इस समय बड़े रकबे में सरसों की फसल में माहू कीट के प्रकोप से बचाव करने के लिए नीम आयल 2.5 लीटर या डाइमेथोएट 30 प्रतिशत की एक लीटर मात्रा को 600-750 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए. सरसों में पत्ती धब्बा रोग पत्तियों को झुलसा सकते हैं. इसके नियंत्रण के लिए मैंकोजेब 75 प्रतिशत की दो किलोग्राम मात्रा 600-750 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 12:45 IST