फिरोजाबाद: फिरोजाबाद में कांच की फैक्ट्रियों से होने वाले प्रदूषण को लेकर कुछ नियम तय किए गए हैं लेकिन फिर भी कुछ कांच इकाइयां नियमों की अनदेखी करने में लगी हैं. चूड़ियों की फैक्ट्रियों का विस्तार करने को लेकर टीटीजेड ने रोक लगा रखी है फिर भी शहर की कई कांच इकाइयों ने नियमों को ताक पर रखा है. इसी के चलते अब सुप्रीम कोर्ट ने इन कांच इकाइयों से नोटिस देकर जवाब मांगा है. जिसके बाद उद्योगपतियों में खलबली मची हुई है.
बढ़ते प्रदूषण के चलते 60 फैक्ट्रियों को मिला नोटिस
यूपी ग्लास मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार मित्तल ने लोकल 18 को बताया कि आगरा के एक उद्योगपति ने सुप्रीमकोर्ट में फैक्ट्रियों के क्षमता विस्तार की याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई के बाद औद्योगिक इकाइयों को नोटिस दिया गया है. इसका नोटिस का जवाब दिया जाना है. इसमें फिरोजाबाद की 60 कांच इकाइयां शामिल हैं, जिन्होंने टीटीजेड के अंतर्गत अपनी क्षमता का विस्तार किया है. वहीं फिरोजाबाद कांच इकाइयों को कोर्ट ने जवाब देने के लिए कहा है.
नोटिस मिलने के बाद कांच उद्योगपति इसका जवाब तलाशने के जुट गए हैं. आपको बता दें कि फिरोजाबाद में कांच के आइटमों का उत्पादन बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों में किया जाता है. इसमें पहले कोयले का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन बाद में कोयले के उपयोग पर रोक लगा दी गई. अब इसमें और भी बदलाव हुए और अब गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन इनकी क्षमता विस्तार पर रोक होने के बाद भी कई इकाइयों में बदलाव हुआ है.
1996 में हाइकोर्ट ने लगाई थी रोक
फिरोजाबाद में साल 1996 में हाईकोर्ट ने कांच उद्योगों से बढ़ते हुए प्रदूषण के चलते कोयले के प्रयोग पर रोक लगा दी थी. इसके बाद इस शहर में दो सौ से ज्यादा फैक्ट्रियों में गैस का इस्तेमाल किया जाने लगा. ताज ट्रिपेजियम जोन के चलते यहां की फैक्ट्रियों की क्षमता विस्तार पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. जिससे अधिक प्रदूषण होने से ताजमहल पर प्रभाव न पड़ सके.
FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 13:24 IST