धान की फसल की रोपाई के एक महीने बाद, फसल की वृद्धि के साथ-साथ कीट और रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है. विशेष रूप से बारिश और बाढ़ के बाद, धान की फसल में रोगों का प्रभाव बढ़ जाता है. इनमें से भूरा फुदका कीट का प्रकोप सबसे गंभीर होता है. पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने इस कीट के हमले की संभावना और बढ़ा दी है. ये कीट धान के पौधों का रस चूसकर उन्हें कमजोर कर देता है, जिससे पौधे मुरझाने लगते हैं. इस स्थिति को “हॉपर बर्न” कहा जाता है.
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