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Friday, June 20, 2025

यूपी, हरियाणा और राजस्थान के किसान खरीफ सीजन में लगा दें ये फसल, 40 दिनों में हो जाएंगे मालामाल

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Farming Tips : उत्तर प्रदेश सहित भारत के कई राज्यों जैसे राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में खरीफ के मौसम में ग्वार की खेती महत्वपूर्ण है. यह फसल न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भ…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • ग्वार की खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है.
  • ग्वार की फसल 40-50 दिनों में तैयार हो जाती है.
  • ग्वार कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है.

शाहजहांपुर : ग्वार एक दलहनी फसल है, जिसकी जड़ों में गांठें होती हैं. ये गांठें वायुमंडल से नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थिर करती हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. इसकी खेती करने से अन्य फसलों की उपज में भी सुधार होता है. यह मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारता है. किसान ग्वार की फसल को खरीफ के मौसम में भी उगा सकते हैं. जून का महीना ग्वार की फसल के लिए उपयोगी होता है. लेकिन किसान अच्छी गुणवत्ता का बीज और अच्छी किस्म का चुनाव करें.

जिला उद्यान अधिकारी डॉ पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि ग्वार का उपयोग हरी खाद के रूप में भी किया जाता है, जिससे मिट्टी को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं. ग्वार की फसल कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है, इसलिए यह शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है. किसान इसकी बुवाई कर पशुओं के लिए हरा चारा, सब्जी के तौर पर फलियां ले सकते हैं. इसके अलावा किसान इसकी हरी खाद भी बना सकते हैं. ग्वार की फसल 40 से 50 दिनों में तैयार हो जाती है.

कहां करें ग्वार की खेती?
ग्वार की बुवाई वैसे फरवरी से लेकर जून महीने तक की जाती है, लेकिन जून के महीने में ग्वार की फसल की बुवाई करने से किसानों को लागत कम लगानी पड़ती है. क्योंकि बारिश के दिनों में फसल सिंचाई की लागत कम हो जाती है. ध्यान रखें कि ग्वार की फसल को वही उगाएं, जहां जल निकासी बेहतर हो.

इन बातों का रखें ध्यान
ग्वार की फसल उगाने के लिए खेत की गहरी जुताई करें. उसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल करें. किसान अगर फली के लिए ग्वार की फसल की बुवाई करना चाहते हैं तो 15 से 18 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीज का इस्तेमाल करें. पशुओं के लिए हरे चारे और हरी खाद के लिए ग्वार की फसल की बुवाई कर रहे हैं, तो 45 से 50 किलोग्राम बीज की बुवाई करें. किसान 60 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हरी फली का उत्पादन ले सकते हैं.

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यूपी, हरियाणा और राजस्थान के किसान खरीफ सीजन में लगा दें ये फसल



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