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Mathura News: वृंदावन के निधिवन में आज भी 16108 गोपियों के साथ कृष्ण महारास करते हैं. आज भी भगवान कृष्ण की गोपियां निधिवन में महारास करने के लिए आती हैं. ऐसी मान्यता है कि यह गोपिया और कृष्ण एक दूसरे के साथ नृत्य अवस्था…और पढ़ें
वृंदावन के निधिवन में आज भी 16108 गोपियों के साथ कृष्ण महारास करते हैं
निर्मल कुमार राजपूत / मथुरा : वृन्दावन को ठाकुर जी की क्रीड़ा स्थली माना गया है. यहां कृष्ण अपने मित्रों के साथ खेले और यहां उन्होंने गोपियों के संग महारास भी किया. योगीराज कृष्ण के महारास के आज भी निशान और रहस्य देखने को मिलते हैं. आज भी भगवान के महारास की कहानी निधिवन में मिलती है. द्वापर काल में भगवान कृष्ण ने अनेकों लीलाओं का मंचन किया. यहां उन्होंने काफ़ी गोचारण लीला की, तो कहीं उन्होंने गोपियों के वस्त्र चुराए. वृन्दावन का कण कण कृष्ण की लीलाओं का उद्घोष करता है. वृन्दावन में जहां भगवान कृष्ण ने हजारों गोपियों के साथ महारास रचाया था ,उसका प्रमाण आज भी देखने को मिलता है. आज भी पेड़ों के रूप में भगवान कृष्ण और गोपियाँ वृन्दावन के इस वन में मौजूद हैं.
वृन्दावन के इस वन को निधिवन के नाम से जाना जाता है. हर दिन हजारों की संख्या में भक्त निधिवन राज के दर्शन करने आते हैं. वहीं निधिवन राज में मौजूद रंग महल मंदिर के पुजारी रोहित गोस्वामी से ज़ब यहां की मान्यता के बारे में लोकल 18 की टीम ने जानना चाहा, तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि भगवान ने गोपियों के साथ महारास किया था. ये द्वापर काल से ही यहां रहस्य बना हुआ है. निधिवन में आप जो वृक्ष देख रहे हैं वो कृष्ण और गोपियों के स्वरुप हैं. सभी वृक्ष एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं. वृंदावन के निधिवन में आज भी 16108 गोपियों के साथ कृष्ण महाराज करते हैं. आज भी भगवान कृष्ण की गोपियां निधिवन में महारास करने के लिए आती हैं. आज भी पेड़ नुमा गोपियां निधिवन में एक दूसरे से छुपी हुई हैं, ऐसी मान्यता है कि यह गोपियां और कृष्ण एक दूसरे के साथ नृत्य अवस्था में जुड़े हुए हैं.
यह चीज मिलती है प्रयोग की हुई, आज भी होता है महारास
लोकल 18 से बातचीत के दौरान रोहित गोस्वामी ने यह भी बताया कि रात में भगवान आज भी महारास करने के लिए निधिवन राज में आते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि रंग महल में रखे हुए दातुन, पान, पानी का प्रयोग हुआ मिलता है, तो वहीं सैया इधर-उधर मिलती है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रसाद रूपी यह सभी चीज भक्तों को दी जाती है. यहां कोई भी रात के समय विश्राम या रुकने की सोच भी नहीं सकता. रात होते ही यहां से सभी पशु पक्षी भी चले जाते हैं. क्योंकि निधिवन में जब महारास करते हैं, भगवान श्री कृष्णा अपनी गोपियों के साथ, तो जो भी व्यक्ति उस महारास को देख लेता है. या तो वह मर जाता है या अंधा हो जाता है.
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