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Tuesday, December 24, 2024

गुजरात में ईडी की छापेमारी, पुलिस ने जीएसटी की धोखाधड़ी में पत्रकार सहित 8 को किया था गिरफ्तार

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ईडी ने जीएसटी की धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में गुजरात में कई शहरों में छापेमारी की। राज्य पुलिस ने हाल में एक पत्रकार सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी की छापेमारी बृहस्पतिवार को की गई।

ईडी ने जीएसटी की धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में गुजरात में कई शहरों में छापेमारी की। राज्य पुलिस ने हाल में एक पत्रकार सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी की छापेमारी बृहस्पतिवार को की गई।

सूत्रों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद संघीय एजेंसी ने राजकोट, जूनागढ़, अहमदाबाद, भावनगर और वेरावल शहरों में करीब 23 परिसरों पर छापेमारी की। मामले में गिरफ्तार ‘द हिंदू’ के पत्रकार महेश लांगा से संबंधित परिसरों पर भी छापेमारी की जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि ईडी कथित जीएसटी धोखाधड़ी मामले में कई अन्य कंपनियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। जांच एजेंसी मामले में व्यापक साजिश और अपराध के जरिए आय अर्जित करने के आरोपों की जांच कर रही है। धन शोधन का यह मामला अहमदाबाद पुलिस अपराध शाखा की प्राथमिकी से संबंधित है।

अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने एक फरवरी एवं एक मई 2023 के बीच माल की आपूर्ति किए बिना बिल जारी कर जीएसटी के तहत फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फर्जी दावा करने वाली एक आरोपी कंपनी ध्रुवी एंटरप्राइज के खिलाफ जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से शिकायत मिलने के बाद कई व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

पुलिस ने मामले के संबंध में लांगा एवं सात अन्य को गिरफ्तार किया है। ‘द हिंदू’ ने महेश लांगा के वकील वेदांत राजगुरु का इस दावे के साथ हवाला दिया है कि पत्रकार इस मामले में जांच के दायरे में आई कंपनी डीए एंटरप्राइज का न तो निदेशक है और न ही प्रवर्तक है। प्राथमिकी में डीए एंटरप्राइज का नाम भी दर्ज है।

महेश लांगा एवं अन्य के लिए रिमांड आवेदन में पुलिस ने दावा किया कि लांगा अपनी पत्नी एवं रिश्तेदारों के नाम पर डीए एंटरप्राइज चला रहे थे। ‘द हिंदू’ ने वकील के हवाले से कहा कि सवालों के घेरे में आई कंपनी महेश लांगा के एक रिश्तेदार मनोज लांगा की है। महेश लांगा की पत्नी इसमें साझेदार हैं, जिनके पास कंपनी के बैंक खातों से कोई लेनदेन करने या उन खातों तक पहुंच का अधिकार नहीं है।

वकील ने कहा कि पुलिस का मामला मनोज लांगा के इस बयान पर टिका है कि उसने महेश लांगा के निर्देश पर लेनदेन किया था। महेश के नाम पर कोई लेनदेन या हस्ताक्षर नहीं है। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अपराध शाखा और गुजरात की आर्थिक अपराध शाखा ने राज्य भर में 14 स्थानों पर छापेमारी की।

अपराध शाखा के अनुसार, देशभर में 200 से अधिक फर्जी कंपनियां संगठित तरीके से फर्जी ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ के जरिए सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा रही थीं। इन कंपनियों को बनाने के लिए जाली दस्तावेजों और पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया गया था।



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