जयपुर. हिंदू धर्म में पेड़ पौधों को भी भगवान की तरह पूजा जाता है. ऐसे अनेकों फल है जिनको अपने इष्ट देव को अर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है धतूरा, इसका फल भगवान शिव का सबसे प्रिय फल होता है. यह फल शिवलिंग पर अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है. धतूरे के पत्ते बड़े डंठल वाले और नोकदार होते हैं.
इसके फूल घंटी के आकार के होते हैं इनमें पांच पंखुड़ियां होती हैं. धतूरे के फूल सफेद रंग के होते हैं लेकिन कभी-कभी हल्के बैंगनी या पीले रंग के फूल भी आते हैं. इसका फल गोल और कांटेदार होता है और बीज काले-भूरे रंग के होते हैं. धतूरा औषधिय गुणों से भरपूर पौधा है. इसके पत्ते और फलों व सूखे बीजों का आयुर्वेद में बड़ा महत्व है. धतूरे के पत्ते हल्के हरे रंग व भूरे-हरे के होते है.
धतूरे का पौधा घर में लगाना शुभ है या नहीं
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि भगवान शिव का सबसे प्रिय पौधे धतूरे को घर आंगन चौक में लगाना शुभ माना जाता है. घर के आंगन में काला धतूरा समृद्धि वाला पौधा होता है, क्योंकि इस पौधे को भगवान शिव की विशेष कृपा वाला पौधा कहा गया है. इस पौधे को घर में लगाने से वैवाहिक संबंध भी मधुर बने रहते हैं. धतूरे के पौधे से घर में लगाने से घर में सुख शांति भी बनी रहती है.
धतूरे के औषधीय गुण
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि धतूरे के पौधे को आयुर्वेद में औषधिय गुणों की खान कहां जाता है. इस पौधे में अनेक औषधीय गुण मौजूद है इसकी जड़ पीसकर इसमें गोमूत्र मिलाकर उस जगह पर लेप करें जहां पथरी का दर्द उठ रहा हो कुछ समय बाद ही पथरी का दर्द ठीक हो जाता है. इसके अलावा धतूरे का पौधा चर्म रोग में सबसे ज्यादा उपयोगी माना जाता है. इसके बीजों को पीसकर सरसों तेल के साथ गर्म करके तेल को चर्म रोग पर लगाने से दाद खाज खुजली की समस्याएं तुरंत ठीक हो जाती है.
अनेक रोगों में कारगर
धतूरे का रस बालों पर लगाने से बाल मजबूत होते हैं व बालों का झड़ना बहुत कम हो जाता है. इससे गंजापन की समस्या भी दूर हो जाती है.धतूरे के फूलों का रस को गंजे सिर पर सप्ताह में एक बार जरूर लगाना चाहिए. आयुर्वैदिक डॉक्टर ने बताया कि यह एक औषधीय पौधा है, जो गठिया रोग, शरीर की सूजन व मांसपेशियों के दर्द में तुरंत आराम देने वाला पौधा है. औषधिय गुणों से भरपूर धतूरा का पौधा अस्थमा के रोगियों के लिए रामबाण इलाज है. यह पौधा श्वसन संबंधी बीमारियों को दूर भागने में भी सहायक होता है.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 10:59 IST