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Friday, January 3, 2025

Dev Diwali date 2024 : देव दीवाली की तारीख, मंत्र और कथा के बारे में जानें यहां

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Dev Diwali mantra aur katha : हर साल देव दिवाली का पर्व कार्तिक माह की पूर्णिमा (Kartik Purnima) तिथि को मनाया जाता है. यह दिवाली के 15 दिन बाद आता है. यह दिवाली वाराणसी में मुख्य रूप से मनाई जाती है. इस दिन, विशेष रूप से गंगा नदी के तट पर, श्रद्धालु दीप जलाते हैं और पूजा करते हैं. देवी-देवताओं की आराधना करते हुए, भक्त इस दिन अपनी समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं. इस साल देव दिवाली 15 नवंबर को मनाई जाएगी. इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को है. 

हिंदू पंचांग के अनुसार,कार्तिक पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी जो अगले दिन यानी 16 नवंबर को शाम 05 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी. ये तो बात हो गई देव दिवाली की तारीख की. अब आते हैं देव दिवाली क्यों मनाते हैं और कौन से मंत्रों का जाप करना इस दिन फलदायी होता है. 

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देव दिवाली कथा – Dev Diwali katha 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. क्योंकि त्रिपुरासुर ने देवताओं को बहुत परेशान किया था. भगवान शिव के इस विजय के बाद, देवताओं ने दीप जलाकर अपनी खुशी और भोलेनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया था. तब से ही कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हुई. वहीं इस दिन तुलसी विवाह पर्व भी मनाया जाता है. 

देव दिवाली मंत्र – Dev Diwali Mantra

ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।

श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।

आपको बता दें कि देव दिवाली को इन मंत्रों का जाप करने से धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)




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