15.8 C
Munich
Wednesday, July 3, 2024

ताकत की खान कहे जाने वाले इस फल की खेती करके बनाएं पैसों की खान, एक एकड़ में होगा लाखों का मुनाफा

Must read


मुकेश पांडेय/मिर्जापुर: प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है. इसके लिए किसानों को परंपरागत से हटकर अलग खेती करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है. उत्तर प्रदेश के विंध्यक्षेत्र के किसान खजूर की खेती करके आत्मनिर्भर बनेंगे. डीएम प्रियंका निरंजन की कवायद के बाद किसानों ने खजूर की खेती शुरू कर दी है. शासन की मदद से किसानों को पौधा उपलब्ध कराया गया है. वहीं, इसकी रोपाई भी उन्होंने कर दिया है. शासन ने खजूर के पौधे की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया है. जिससे किसानों को मदद मिल सके.

मिर्जापुर जिले में आजादी के पहले से ही खजूर की खेती होती थी. हालांकि बाद में किसानों ने खेती करना बंद कर दिया. मिर्जापुर में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के आने के बाद खजूर की खेती शुरू कराने के लिए पहल की गई. जिला उद्यान अधिकारी व इक्छुक किसानों ने खेती के सारे गुण को बारीकी से सीखने के बाद इसे शुरू किया है. उद्यान विभाग की ओर से पौधे की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया गया है. चार हजार रुपये का टिश्यू कल्चर पौधा किसानों को महज दो हजार रुपये में उपलब्ध कराया गया है.

कम पानी में होती है खेती, स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
खजूर की खेती कम पानी में होती है. इसके लिए रेतीले खेत की आवश्यकता होती है. खजूर सेहत के काफी फायदेमंद है. इसका इस्तेमाल सफेद चीनी की जगह किया जा सकता है. पौधे के विकास के लिए जड़ में पानी व तने में तेज धूप जरूरी होता है. खजूर एंटीऑक्सीडेंट व शरीर के लिए डिटॉक्सिफायर भी होता है. मिर्जापुर में पहले खजूर को गुड़ में मिलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि गुड़ बनना बंद होने के बाद खेती भी कम हो गई.

राजस्थान से सीखे हैं खेती का गुण
किसान राधेश्याम सिंह ने बताया कि डीएम की रुचि के बाद जिला उद्यान अधिकारी के साथ हम जोधपुर गए. वहां पर हमने खजूर की खेती के बारे में जानकारी ली. खजूर की खेती को देखने के लिए जैसलमेर भी गए. वहां से पौधा आया हुआ है. किसानों के लिए चार हजार रुपये अधिक है. जिसके बाद 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिला है. बरही प्रजाति के पौधे तीन साल के बाद फल देना शुरू हो जाएगा. 5 वर्षों के बाद एक पौधे से 1.50 कुंतल पैदावार होगा. बाजार में इसकी कीमत एक सौ रुपये किलो है.

खजूर की खेती के लिए शुरू किया गया पायलट प्रोजेक्ट
डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि जनपद में परंपरागत रूप से खजूर की खेती होती रही है. इसको पुनः शुरू करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया. इसके लिए चार हजार सैंपल मंगाए गए हैं. जब खजूर के पौधे बड़े होंगे तो खजूर का उत्पादन होगा. वहीं, पाम जैरी का उत्पादन होगा. इससे चार से पांच पाख प्रति एकड़ किसानों को फायदा होगा.

Tags: Agriculture, Local18



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article