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Saturday, December 21, 2024

कांग्रेस ने कभी राम मंदिर का विरोध नहीं किया: दिग्विजय सिंह

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Image Source : PTI/FILE
दिग्विजय सिंह, कांग्रेस नेता

भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराने के पीछे भाजपा, आरएसएस और विहिप की मंशा उस स्थान पर मंदिर बनाने की नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने की रही। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध नहीं किया। उन्होंने नए मंदिर के स्थान पर सवाल उठाया जहां 22 जनवरी को मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह होगा।

दिग्विजय सिंह ने कहा, “(कांग्रेस ने) केवल विवादित भूमि पर (मंदिर के) निर्माण के लिए अदालत के फैसले तक इंतजार करने को कहा। गैर विवादित जमीन पर भूमि पूजन राजीव जी (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) के समय हुआ था। (पूर्व प्रधानमंत्री पीवी) नरसिम्हा राव जी ने भी राम मंदिर के निर्माण के लिए गैर-विवादित भूमि का अधिग्रहण किया था।’’ 

विध्वंस बीजेपी-आरएसएस के चाल एवं चरित्र में है-दिग्विजय

राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा, ‘‘ लेकिन भाजपा, विहिप और संघ को मंदिर निर्माण नहीं, बल्कि मस्जिद गिराना था, क्योंकि जब तक मस्जिद नहीं गिरती तब तक मुद्दा हिंदू-मुसलमान का नहीं बनता। विध्वंस उनकी चाल एवं चरित्र में है। अशांति फैला कर राजनीतिक लाभ लेना उनकी रणनीति है।’’ संपर्क करने पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने सिंह को “राम द्रोही” करार दिया और दावा किया कि कांग्रेस नेता और उनकी पार्टी सनातन धर्म के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में भगवान राम को ”काल्पनिक” व्यक्ति बताया था। चतुर्वेदी ने पूछा कि सिंह को स्पष्ट करना चाहिए कि वह कब तक “सनातन धर्म विरोधी और राम द्रोही” बने रहेंगे। 

भगवान राम हमारे हृदय में बसते हैं-दिग्विजय

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने कहा था कि  राम जन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर में दर्शन के लिए उन्हें किसी व्यक्ति के न्योते की जरूरत नहीं है क्योंकि भगवान राम उनके हृदय में बसते हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के प्रति जनता में धीरे-धीरे अविश्वास बढ़ता जा रहा है और ईवीएम के सॉफ्टवेयर और चिप तकनीक को लेकर उठ रहे सवालों पर चुनाव आयोग के रवैये से शंकाओं में इजाफा हो रहा है। सिंह ने कहा कि ईवीएम के मुद्दे पर मुलाकात के लिए चुनाव आयोग विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं को पिछले छह महीने से समय नहीं दे रहा है। (इनपुट-भाषा)

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